लॉकडाउन में घूमना पड़ेगा महंगा, बिहार में 686 वाहन जब्त, 41 पर FIR और 9 भेजे गए जेल
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में लॉकडाउन (Lockdown) के कानूनी प्रावधानों को ठेंगा दिखानेवालों के खिलाफ पुलिसिया कारवाई तेज हो गई है. सड़क पर बिना ठोस वजह के निकालने वालों के खिलाफ कारवाई शुरू हो चुकी है. ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार के अनुसार राज्य में कानून तोड़ने वालों पर पुलिस की कार्रवाई में 15, 87, 800 रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए और 41 पर एफआईआर दर्ज किया गया. पुलिस विभाग ने 531 और परिवहन विभाग ने 155 वाहनों को जब्त किया. इस दौरान 9 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. ये आंकड़े बुधवार शाम छह बजे तक के हैं.
बुधवार को एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार और एडीजी विधि व्यवस्था अमित कुमार ने पूरे प्रदेश एसएसपी-एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर लॉकडाउन का जायजा लिया. पुलिस ने ये भी बताया कि टेलीकॉम को सुचारु बनाए रखने के लिए मोबाइल टॉवर, एक्सचेंज पर काम करने वाले कर्मचारियों -अधिकारियों को पुलिस अब नहीं रोकेगी. इनको लॉक डाउन से मुक्त कर दिया गया है.
पुलिस आवश्यक सेवाओं की ढुलाई करने वाले वाहनों को भी नहीं रोकेगी. इस संबंध में बुधवार को सभी एसएसपी -एसपी को एडीजी विधि व्यवस्था अमित कुमार ने आदेश जारी कर दिया. पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश हैं कि वह विशेषकर थाना स्तर पर यह सुनिश्चित करें ताकि जरूरी सामान की आवाजाही बाधित नहीं हो. गौरतलब है कि बिहार में बीते 23 मार्च से ही संपूर्ण लॉकडाउन है.
इस बीच बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. सूबे में कोरोना वायरस के 275 संदिग्ध सैंपल की जांच की जा चुकी है जिसमें से 268 निगेटिव मिले थे. कोरोना वायरस से संक्रमितों में से मुंगेर निवासी एक मरीज की शनिवार को पटना एम्स में मौत हो गई थी.NMCH के पीजी के 83 छात्रों के संक्रमित हो जाने की खबर भी आ रही है. इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस यूथ के पूर्व अध्यक्ष ने एक एक ट्वीट को आधार बनाते हुए बिहार सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने लिखा है कि जब डॉक्टर ही सुरक्षित नहीं हैं तो कोरोना से आम लोगों को कौन बचाएगा.