“जोकर” फिल्म क्यों इतना डरा रहा है, जानिए फिर देखिये
सिटी पोस्ट लाइव : क्या आपने जोकर फिल्म का नाम सुना है. अगर नहीं तो आप जान लीजिये , सुपरहीरो फ़िल्मों की दुनिया में सबसे कुख्यात और ख़तरनाक विलन पर बनी पहली फ़िल्म है. पिछले शुक्रवार को रिलीज़ हुई इस फिल्म ने अमरीका में बड़ा विवाद पैदा कर दिया है.ये फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर बेहतरीन कमाई करते हुए 24 करोड़ 80 लाख डॉलर से अधिक कमा चुकी है. बैटमैन के कट्टर दुश्मन जोकर के बनने की कहानी पर आधारित इस फ़िल्म ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ा दी थीं. सेना ने फ़िल्म की रिलीज़ के दिन गोलीबारी होने का अलर्ट जारी किया था.
हांलाकि, फ़िल्म रिलीज़ होने पर ऐसी कोई घटना नहीं हुई.सात साल पहले, बैटमैन सीरीज़ की आख़िरी फ़िल्म ‘द डार्क नाइट राइज़ेस’ के एक शो के दौरान कोलोराडो के अरोरा में एक शख़्स ने गोलीबारी कर दी थी. उस हमले में 12 लोग मारे गए थे और 70 घायल हुए थे.जोकर फ़िल्म को अरोरा के थियेटर में नहीं दिखाया गया. ऐसा पिछले हादसे के पीड़ितों के परिवारों की अपील पर किया गया था.
पीड़ितों के परिवारों ने फ़िल्म की प्रोडक्शन कंपनी वॉर्नर ब्रदर्स को भी चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने कंपनी से गोलीबारी में मारे गए पीड़ितों की मदद करने वाले समूहों को पैसा देने की अपील की थी. साथ ही गन रिफॉर्म के ख़िलाफ़ वोट देने वाले उम्मीदवारों को राजनीतिक चंदा न देने की मांग की थी.एक अमरीकी मैगज़ीन द हॉलीवुड रिपोर्टर पर छपी उस चिट्ठी में लिखा था, ”हम आपसे उन कॉर्पोरेट नेताओं का साथ देने की अपील करते हैं जो मानते हैं कि हम सभी को सुरक्षित रखने के लिए उनकी सामाजिक जिम्मेदारी है.”
एक पीड़ित के रिश्तेदार का कहना था कि ये फ़िल्म उन्हें जेम्स होम्स की याद दिलाती है, जिसे नरसंहार के लिए उम्र कैद की सजा दे दी गई थी.गोलीबारी में अपनी 24 साल की बेटी जेसिका गवी को खोने वालीं सैंडी फ़िलिप्स ने हॉलीवुड रिपोर्टर से कहा, ”मुझे होम्स की फ़िल्म देखने की ज़रूरत नहीं है. मैंने सिर्फ़ जोकर फ़िल्म का प्रोमो देखा तो जैसे मैंने हत्यारे की तस्वीर देख ली.कई अन्य अमरीकी शहरों में सिनेमाघरों ने घोषणा की है कि फ़िल्म देखने के लिए मास्क पहनकर, फ़ेस पेंट लगाकर या कोई कॉस्ट्यूम पहनकर आने वालों को रोक दिया जाएगा.हालांकि, सुपरहीरो की फ़िल्मों की दौरान लोगों का इस तरह तैयार होकर आम चलन है.
जोकर, एक मानसिक रूप से बीमार कॉमेडियन आर्थर फ़्लेक की कहानी है जिसकी पेशेवर और निज़ी ज़िंदगी की दुर्घटनाएं उसे ज़ुर्म की दुनिया में धकेल देती हैं.फ़िल्म में हिंसा के बहुत भयानक दृश्य हैं और अमरीका में कुछ फ़िल्म समीक्षकों ने निर्देशक टॉड फ़िलिप्स पर आर्थर फ़्लेक की कहानी का महिमामंडन करने का आरोप लगाया है.वैनिटी फेयर मैगज़ीन के रिचर्ड लॉसन ने लिखा है, “ये फ़िल्म किसी के बेहद मतलबी होने का ग़ैर-ज़िम्मेदाराना प्रचार हो सकती है.
तो क्या जोकर जश्न मनाने लायक है या डरावनी फिल्म है? या इन दोनों के बीच कोई अंतर नहीं है?निर्देशक टॉड फ़िलिप्स और अभिनेता जोक्विन फ़ोनिक्स का जबाब है कि जोकर फ़िल्म हिंसा के लिए सहानुभूति रखती है.टॉड फ़िलिप्स ने कहा था कि उन्हें फ़िल्म को लेकर इस तरह के विवाद से हैरानी है.ये फ़िल्म प्यार के अभाव, बचपन के बुरे अनुभव और दुनिया में सहानुभूति की कमी को दिखाती है. मुझे लगता है कि लोग इस संदेश को समझ सकते हैं. मेरे लिए कला का मतलब जटिल होना है. अगर आपको आसान कला चाहिए तो कैलिग्रफ़ी की तरफ़ जा सकते हैं.”
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