500 ग्राम के दो जुड़वा बच्चों की डॉक्टर ने बचा ली जान.

City Post Live

डॉ अरविंद कुमार के सफल उपचार को न सिर्फ बच्चे का परिवार बल्कि आम लोग भी अब इसे चमत्कार मान रहे है.डॉ अरविंद कुमार के सफल उपचार को न सिर्फ बच्चे का परिवार बल्कि आम लोग भी अब इसे चमत्कार मान रहे है.
Miracle In Bihar: बिहार के बेगूसराय में एक ऐसा चमत्कार देखने को मिला जब एक डॉक्टर ने 500 ग्राम के दो जुड़वा बच्चों (Twin …अधिक पढ़ें
सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के बेगूसराय (Begusarai) में एक माता ने 500 ग्राम के दो जुड़वा बच्चों (Twins) को जन्म दिया तो लगा कि उनका बचना नामुमकिन है.लेकिन स्थानीय डॉक्टर डॉ अरविंद कुमार ने ईन दोनों बच्चों को बचा लिया. डॉक्टर अरबिंद कुमार का कहना है कि एक्सट्रीमली लो वेट के बच्चे बिहार ही नहीं देश मे सिर्फ 10 प्रतिशत ही बच पाते है. ऐसे मे दोनों बच्चे को नई जिंदगी देना बड़ा ही मुश्किल कम था.उन्होंने बताया कि जब ऐसा केस उनके पास आया तो उनके भी हाथ-पैर फूलने लगे. पर उन्होंने इसे चैलेंज के रूप में लेते हुए अपनी कोशिश जारी रखें जिसका परिणाम है कि आज दोनों बच्चे स्वस्थ हैं और अपनी मां का दूध पी रहे हैं.

 

डॉक्टर ने बताया कि कोशिश करने वालों के साथ भगवान भी होते हैं और यही सोचकर उन्होंने अपनी कोशिश जारी रखी जिसके बाद उन्हें सफलता हाथ लगी. डॉक्टर ने बताया कि एक मिथ है कि 500 से कम ग्राम के बच्चे जिंदा नहीं रह पाते हैं. लेकिन, ट्विन बेबी को बचाकर वह वैसे लोगों को यह संदेश देना चाहते है कि अगर कम बजन के बच्चे पैदा हो तो चिंता की कोई बात नहीं उनकी जिंदगी बचाई जा सकती है.

 

दरअसल मेडिकल साइंस (Medical Science) में ढाई से तीन किलो के बच्चे को नार्मल कैटेगरी में रखा जाता है जबकि ढाई किलो से कम वजन के बच्चे को लो बर्थ वेट की कैटेगरी में रखा जाता है. पर अगर बच्चों का वजन एक किलो से कम हो तो इसे मेडिकल भाषा में एक्सट्रीमली लो वेट कैटेगरी में रखा जाता है. मेडिकल साइंस में विश्वास रखने वाले डॉक्टर और दूसरे लोग ऐसे बच्चों की जिंदगी को निराशा की भाव से देखते है. बेगूसराय के एक डॉक्टर अरबिंद कुमार ने ऐसे बच्चो को नई जिंदगी देकर ना सिर्फ एक मिसाल कायम की है, बल्कि कम बेट के बच्चे को बचाने के मिथक को भी तोड़ा है.डॉक्टर और बच्चों के परिजन भी इसे एक चमत्कार मान रहे हैं.

Share This Article