प्रधानाध्यापिका को स्थानांतरित करने की मांग पर अड़े ग्रामीण, लगाये गंभीर आरोप
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के सरकारी सकूलों की स्थिति क्या है ये बात किसी से छिपी नहीं है. जहां स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के नाम पर ठगा जाता है तो वहीँ मध्यान भोजन और सरकारी छात्रवृति से भी वंचित रखा जाता है. स्कूल के शिक्षक से लेकर प्रधानाध्यापक तक सभी लूटने में लगे हुए रहते हैं. ऐसा ही एक मामला गया के विशुनपुरा गांव की है. जहां माध्यमिक स्कूल के प्रभारी से तंग आकर ग्रामीणों ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर प्रधानाध्यापिका को स्थानांतरित करने की मांग की है. लेकिन जब बात नहीं सुनी गयी तो शुक्रवार को स्कूल में तालाबंद कर स्कूल प्रभारी को हटाने की मांग पर अड़ गए हैं.
दरअसल गांव वालों का आरोप है कि विशुनपुरा माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका शांति सिन्हा कि अनदेखी के कारण बच्चों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों ने लिखित शिकायत में कहा है कि 10 वर्षों से विद्यालय का प्रभार संभाल रही शांति सिन्हा द्वारा बच्चों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का वितरण सही ढंग से नहीं किया गया. इतना ही नहीं मध्यान भोजन भी मेन्यु के हिसाब से नहीं बनता है.
ग्रामीणों ने लिखित आवेदन में कहा है कि मध्यान भोजन बच्चों की उपस्थिति के अनुसार नहीं बनता. अर्थात बच्चे भले कम हो लेकिन जो रिपोर्ट बनाई जाती है. उसमें पूरे बच्चे शामिल होते हैं. जिसमें पूरी तरह से बच्चों के भोजन के नाम पर शिक्षक और प्रभारी अपनी जेब भरते हैं. इसके लिए ग्रामीणों ने जांच करवाने की मांग की है. हालांकि मिड डे मिल योजना से शिक्षकों को अलग करने की योजना पर मुहर लग चुकी है. लेकिन अबतक इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है.
बता दें गुरुवार को स्कूल में तालाबंदी कर ग्रामीणों ने जमकर बवाल भी काटा. ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. उनका कहना है कि जबतक शांति सिन्हा का यहां से ट्रांसफर नहीं होता तबतक स्कूल में ताला बंद रहेगा. हम स्कूल को चलने नहीं देंगे. इसके लिए भी लिखित आवेदन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को सौंपी गयी है.