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आत्मनिर्भर भारत की सफलता के साक्षी बनें युवा : राज्यपाल

- समान अंक के कारण पहली बार 03 छात्राओं को स्वर्ण पदक

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झांसी :  बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह का आयोजन गांधी सभागार में आयोजित किया गया। संबोधित करते हुए प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने वर्चुअल संबोधन में कहा कि शिक्षा डिग्री पाने तक सीमित नहीं होना चाहिए। शिक्षा ऐसा हथियार व संसाधन है जिससे सभी क्षेत्रों में विजय प्राप्त की जा सकती है। शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थी देश व प्रदेश में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर लक्ष्य प्राप्त करें।

विद्यार्थी नए अनुसंधान से अवगत हों तथा परिस्थितियों एवं समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य करें। युवाओं को सचेत होकर वैश्विक परिस्थितियों में अपना स्थान बनाना है। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है। यहां 25 वर्ष की आयु के युवा 25 प्रतिशत आयु के 35 वर्ष के 65 प्रतिशत युवा है। इन युवाओं पर 21वीं सदी के भविष्य लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में संसाधन अपार संपदा है। इसी संपदा के बूते भारत महाशक्ति का लक्ष्य हासिल कर सकता है।

– कुलपति ने एक क्लिक में 2021 की डिग्रियां डिजिटलीकरण का किया शुभारंभ,106 छात्रों को दी गई पीएचडी की उपाधि

– कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की दीक्षांत समारोह की वर्चुअल अध्यक्षता

उन्होंने कहा कि मानव संसाधन देश में अधिक है। मानव संसाधन को मानव पूंजी में बदल दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी बेरोजगारी समाप्त करने का जरिया नहीं है। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में महारानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई, आल्हा उदल चंदेला तथा बुंदेलों को याद किया। उन्होंने देश के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जिन की आज पुण्यतिथि है उनका स्मरण किया।

राज्यपाल ने कहा भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है विश्वविद्यालय इसके लिए प्रयास करें। विश्वविद्यालय कैंपस में शैक्षिक वातावरण हो विकास की मुख्यधारा से महिलाओं को सशक्त होना पड़ेगा ज्ञान का अंत नहीं व्यक्ति अच्छा मनुष्य बने गुरु का सम्मान करें। आत्म निर्भर भारत की सफलता के युवा साक्षी बने। उन्होंने कोरोना की लहर की चर्चा करते हुए कहा कि सावधानी और सतर्कता भी इस महामारी से बचा सकती। उन्होंने 18 वर्ष की आयु के युवाओं का आह्वान किया कि वह बढ़-चढ़कर मतदान में शामिल हो।

विज्ञान व युवा मिलकर बढ़ा सकते देश को आगे

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एवं नीति आयोग के सदस्य प्रदेश के जाने-माने वैज्ञानिक पद्म भूषण डॉक्टर विजय कुमार सारस्वत ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान तथा युवा दोनों मिलकर देश को आगे बढ़ा सकते। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में उन्होंने महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विज्ञान और तकनीक पर आधारित को उन्होंने कहा कि विज्ञान और वही भारत को तरक्की के शिखर पर ले जाएंगे।

उन्होंने भारत के प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा तक्षशिला उज्जैन की शिक्षा व्यवस्था की जानकारी दी तथा चंद्रगुप्त मौर्य से लेकर हमारे गौरवशाली इतिहास की चर्चा की जिस समय देश के विश्वविद्यालय पूरे विश्व में अपना नाम रोशन करते थे। उन्होंने टेक डिजिटल इंडिया स्मार्ट सिटी पर्यावरण शायद अन्य पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए समारोह को संबोधित करते हुए अपने स्वागत भाषण में विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे ने मुख्य अतिथि देश के जाने माने वैज्ञानिक डॉ विजय कुमार सारस्वत प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय कुलाधिपति आनंदी पटेल का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की प्रगति के संबंध में विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी प्रदेश ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश की युवा पीढ़ी को अंतर्निहित उद्यमिता एवं नवाचार की असीम संभावनाओं को विकसित करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमारा प्रयास है कि हम विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का कार्य करें। कुलपति ने विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक एवं समाज सेवा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। समारोह में महापौर रामतीर्थ सिंघल, कुलसचिव प्रोफेसर अपना राज, वित्त अधिकारी वसी अहमद, परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर, सहायक कुलसचिव दिनेश प्रजापति, सहायक कुलसचिव फाइनेंस सुनील कुमार सेन, सहायक कुलसचिव प्रशासन संतोष सिंह, कुलपति के निजी सचिव अनिल बोहरे, एम एम सिंह प्रोफेसर, सीबी सिंह प्रोफेसर, प्रतीक अग्रवाल, डॉक्टर एलसी साहू, प्रोफेसर आरके सैनी, डॉक्टर नीलम कुमार सिंह, डॉ राजीव अग्रवाल, प्रोफेसर एनएस सिंगल, केदारनाथ यादव, सैड विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि ने सर्वाधिक अंक पाने वाले विद्यार्थियों को प्रदान किए पदक एवं उपाधि

दीक्षांत समारोह में इस बार 54 छात्राओं एवं 52 छात्रों सहित 106 पीएचडी डिग्री प्रदान की गईं।इसमें कला संकाय में 38, विज्ञान संकाय में 21, शिक्षा संकाय में 14, कृषि संकाय में 06, वाणिज्य संकाय में 22 और विधि संख्या संकाय में 04 पीएचडी डिग्री प्रदान की गई। कुल 39 कुलाधिपति पदकों में 09 छात्र एवं 30 छात्राओं को प्रदान किए गए। इसमें 03 स्वर्ण, 16 रजत एवं 20 कांस्य पदक प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त 61 अन्य विन्यासीकृत पदकों में से 07 छात्रों को एवं 53 छात्राओं को प्रदान किए गए। इसके साथ ही वर्ष 2021 में उत्तीर्ण परिसर एवं संबंध महाविद्यालय को मिलाकर कुल 59145 (छात्र 26396 एवं छात्राएं 32749) डिग्रियां स्नातक एवं परास्नातक छात्र-छात्राओं को प्रदान की गई।

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