नई शिक्षा नीति पर शिक्षक संघ ने उठाया सवाल, सेवा शर्त के बारे में हस्तक्षेप की संभावना.

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सिटी पोस्ट लाइव :  आज केदारनाथ पांडेय की अध्यक्षता में गूगल मिट के माध्यम से ऑनलाइन  नई शिक्षा नीति 2020 पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस चर्चा के मूल में माध्यमिक स्तर की शिक्षा नीति रही. जिसपर परिचर्चा के मुख्य वक्ता के रुप में केदार पांडेय ने विस्तार से नई शिक्षा नीति की खूबियों एवं खामियों पर प्रकाश डाला.बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार पांडेय ने केन्द्र की नई शिक्षा नीति के लेकर सवाल उठाया है.उन्होंने कहा कि केन्द्र की नई शिक्षा नीति में कुछ अच्छी-अच्छी बातें  लेकिन इन बातों का क्रियान्वयन का स्वरुप क्या होगा इसे स्पष्ट नहीं किया गया है. चर्चा के दौरान केदार पांडेय ने कहा कि इस नई शिक्षा नीति में कुछ अच्छी अच्छी बातें भी कही गई हैं परन्तु उनके क्रियान्वयन का स्वरूप क्या होगा यह स्पष्ट नहीं किया गया है. खासकर शिक्षकों की नियुक्ति, वेतनमान एवं सेवाशर्त क्या होगा, इसकी भी कुछ स्पस्ट रूप रेखा दिखाई नहीं दे रही है. विद्यालयों के देख रेख के लिए बनने वाली समितियों में भी स्थानीय राजनीतिक हस्तक्षेप की प्रबल संभावना है जो विद्यालयों के संचालन को प्रभावित कर सकता है.

केदारनाथ पाण्डेय ने कहा कि यह शिक्षा नीति ड्राप आउट को कम करने की बात तो करती है पर इसके लिए कोई ठोस कार्यक्रम की चर्चा नहीं है. इस नीति से ऐसा लगता है कि गरीब एवं मध्यम वर्ग के लड़के उच्च शिक्षा से कही वंचित न हो जाए.इस परिचर्चा में प्राच्य प्रभा के संपादक विजय कुमार सिंह, शैक्षिक परिषद के सचिव शशि भूषण दुबे, संयुक्त सचिव विनय मोहन, प्रमंडल सचिव चन्द्रमा सिंह, नागेंद्र सिंह, चूल्हन सिंह, विद्यासागर विद्यार्थी, जमशेद आलम, शिवेंद्र कुमार, मनोरंजन कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, मुकेश श्रीवास्तव, विद्वान शिक्षिका कंचन सिंह, पंकज रंजन, रैशुल एहरार खान, अंसार, सुनील, प्रकाश सिंह झुन्नू, दिलीप कुमार, सुजीत कुमार, डॉक्टर सत्येंद्र पांडे, डॉ रमेन्द्र प्रसाद, लालबाबू सिंह, राजीव कुमार शर्मा, श्याम तिवारी, रजनीश कुमार, उत्तम कुमार, राजकुमार सिंह, भाग्यश्री, मनोज गुप्ता, अरूण शर्मा ,अनिल पंडित आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये.

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