सब्जी विक्रेता का बेटा बना बिहार बोर्ड का टॉपर, उसके संघर्ष की कहानी जानिए

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : आखिरकार आज बिहार बोर्ड का 10 वीं कक्षा का रिजल्ट सामने आ गया है. रोहतास के जनता हाईस्‍कूल के छात्र हिमांशु  राज (Himanshu Raj) ने 96.20 प्रतिशत अंक (500 में 481 अंक) लाकर टॉप किया है. जबकि समस्तीपुर के दुर्गेश कुमार (Durgesh Kumar) 480 नंबर लाकर सेकेंड टॉपर बने हैं. भोजपुर के शुभम कुमार (Shubham Kumar) ने 478 नंबर लाकर तीसरा स्थान हासिल किया है.  478 नंबर लाने वाले दो और स्टूडेंट हैं. इनमें से एक औरंगाबाद के राजवीर और दूसरी अरवल की जूली कुमारी हैं.

हिमांशु का कहना है कि वे साइंस स्ट्रीम के साथ आगे की पढ़ाई कर  एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं. हिमांशु ने बताया कि वो करीब 12 से 14 घंटे रोज पढ़ाई करते थे जिसके बाद उन्हें यह सफलता मिली है. हिमांशु के स्कूल के प्रिंसिपल उपेंद्र नाथ ने बताया कि ग्रामीण परिवेश से आने वाला हिमांशु  बचपन से मेधावी है. हम सब उसकी सफलता से बेहद खुश हैं. वहीं हिमांशु के पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में बताते हैं कि उसकी बहन ने भी मैट्रिक की परीक्षा में 88 प्रतिशत अंक लाया था.

हिमांशु राज के पिता सुभाष सिंह ग्रेजुएट हैं और माता मंजू देवी पांचवीं पास हैं. पिछड़ी कुशवाहा जाति से आने वाले हिमांशु के पिता की एक-आधा बीघे की खेती है. वो ग्रामीण स्तर पर ट्यूशन पढ़ाते हैं और सब्जी उगाकर उसे बेचते भी हैं.हिमांशु खुद ‘कई बार पिता के साथ सब्जी बेचने जाता था.उसके पिता के पास अपनी जमीन नहीं है. लोगों से खेत बटाई पर लेकर वो खेती करते हैं. यही वजह रही कि कई बार आर्थ‍िक परेशानी भी हुई लेकिन पढ़ाई फिर भी जारी रही. हिमांशु कहते हैं कि कई बार वो अपने पिता के साथ सब्जी बेचने बाजार जाता था. अब वो चाहता है कि कुछ बन कर परिवार की मदद कर सके. हिमांशु ने बताया कि उसका वेरिफिकेशन किया गया था, लेकिन टॉपर होने की बात का अंदाजा नहीं था.

हिमांशु राज ने बताया कि सेल्फ स्टडी के अलावा उसने कोचिंग भी की. पिता भी ट्यूशन पढ़ाते हैं तो उनका भी मार्गदर्शन उसे मिलता रहा.हिमांशु के पिता सुभाष सिंह ने कहा कि यह सपने के सच होने जैसा है. गुरबत (गरीबी) में भी मेरे लाल ने सपना पूरा किया इसके लिए भगवान का बहुत धन्यवाद. उन्होंने कहा कि बेटे की प्रतिभा को देखते हुए उनकी कोशिश होती थी कि वो डिस्टर्ब न हो. पूरे परिवार ने उसका सपोर्ट किया और बेटे ने आज सपना पूरा कर दिखाया.

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