बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का सपना ध्वस्त : डॉ० महाचन्द्र सिंह

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री डॉ० महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने  यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया रोकने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति बिहार को पत्र लिखकर कहा है कि  बिहार सहित देश के सभी विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति पर यूजीसी ने रोक लगा दी है. बिहार के सभी विश्वविद्यालय विभाग एवं काँलेजों में प्रायः सभी विभागों में शिक्षकों का घोर अभाव है. किसी-किसी विभाग में शिक्षक एक भी नही हैं. वैसे विभागों में भी छात्रों का नामांकन हो रहा है और बिना पढाई की परिक्षाए भी हो रही है.

डॉ० सिंह ने अपने पत्र में कहा की कुलाधिपति की हैसियत से राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का निर्णय महामहिम राज्यपाल द्वारा लिया गया है. वर्षों से माननीय उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में कोई न कोई याचिका दायर कर या कोई और कारण बनाकर किसी न किसी बहाने  विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों की बहाली नही हो पा रही है .शिक्षकों की सेवानिवृती के कारण विभाग खाली होते जा रहा है. डॉ० सिंह ने कहा कि आज राज्य में विश्वविद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति क़ानूनी पेच के कारण फंस गया है.

गौरतलब है कि शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग में चल रहा है लेकिन उसमें भी काफी विलम्ब की संभावना है. पढाई का सत्र जुलाई से चालू हो गया है. वर्त्तमान परिस्थिति में उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना नही की जा सकती हैं. डॉ० सिंह ने यह भी कहा है कि अगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है तो जैसे वर्षों पहले विश्वविद्यालय स्तर पर चयन समिति हुआ करती थी और जरुरत के अनुसार विश्वविद्यालय स्तर पर 6 महीने के लिए शिक्षकों की अस्थायी नियुक्ति होती थी. डॉ० सिंह ने कुलाधिपति से मांग किया है कि आज भी पुरानी व्यवस्था के तहत सभी विश्वविद्यालयों में चयन समिति बनाकर तुरंत जरुरत के अनुशार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया सरकारी नियमानुसार आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए शुरू करना चाहिए ताकि  गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना साकार हो सके.

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