सॉफ्टवेयर डेवलपर जागृत ने बढ़ाया सहरसा का मान, अमेरिका में खेलेंगे क्रिकेट टूर्नामेंट

City Post Live - Desk

सॉफ्टवेयर डेवलपर जागृत ने बढ़ाया सहरसा का मान, अमेरिका में खेलेंगे क्रिकेट टूर्नामेंट

सिटी पोस्ट लाइव स्पेशल : कहते हैं कि हौसला और जुनून हो,तो पहाड़ खोदकर भी दूध की दरिया बहाई जा सकती है। सपने देखना और उस सपने को अपने हौसलों के दम से साकार करना बेहद बड़ी बात है। हिम्मते मर्द, मददे खुदा। सहरसा के नगरपालिका चौक निवासी जागृत ने वह कारनामा कर दिखाया है, जिससे पूरे सहरसा वासी ना केवल गदगद हैं बल्कि उन्हें जागृत पर नाज है। जागृत बचपन से ही क्रिकेट का शौकीन था। वह अपनी कोशिशों के दम पर राष्ट्रीय स्तर तक गया लेकिन उसके घुटने में चोट लग गयी और वह बहुत समय तक क्रिकेट से दूर रहा लेकिन क्रिकेट विशेषज्ञ प्रसन्ना रमण ने उसके हौसले को टूटने नहीं दिया और लगातार उसे बेहतर अभ्यास के गुड़ दिए। राष्ट्रीय स्तर पर जागृत की पहचान बहुत पहले ही बन चुकी थी। वह फिरकी गेंदबाज है।उसने आर.अश्विन से भी कई टिप्पस लिए हैं। 26 वर्षीय जागृत को मैक्सिको एचसीएल टेक्नोलॉजी में सॉफ्टवेयर डेवलपर की नौकरी मिल गयी और वह मैक्सिको चला गया।लेकिन क्रिकेट उसके खून में उतरा हुआ था। उसने वहां भी क्रिकेट खेलना जारी रखा। आज उसका सेलेक्शन साउथ अमेरिकन चेम्पियनशिप में हो गया है। आगामी 22 अगस्त से कोलंबिया के बोगोटा में चैंपियनशिप की शुरुआत होगी। 28 अगस्त तक होने वाले इस ट्वेंटी-ट्वेंटी टूर्नामेंट में जागृत बिहार का इकलौता खिलाड़ी होगा। यह तरुण शर्मा के नेतृत्व में मैक्सिको टीम का सदस्य होगा।जागृत की टीम आठ अलग-अलग देशों, मसलन कोलम्बिया, अर्जेंटीना, पेरू, ब्राजील सहित अन्य देशों के साथ खेलेगी। जागृत के पिता बालकृष्ण झा वित्तरहित कॉलेज में प्राध्यापक हैं और माँ तनुजा देवी घर पर ही ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। मूल रूप से जागृत सहरसा के महिषी प्रखंड अंतर्गत तेलहर गाँव का रहने वाला है। जागृत से हमारी घण्टों बातचीत हुई। जागृत ने बताया कि उसने दसवीं तक की पढ़ाई शांति निकेतन शिक्षण संस्थान से की। 2010 में वह इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने चेन्नई चला गया। वहां भी वह लगातार क्रिकेट खेलता रहा। 2 जून 2015 को खेल के दौरान उसके घुटने में चोट लग गयी। वह बहुत परेशान रहने लगा लेकिन अचानक उसकी मुलाकात प्रसन्ना रमण से हुई जिन्होंने उसे टूटने से संभाला और उसे घुटने की चोट से उबारा। प्रसन्न रमण जागृत के कोच भी हैं और अभी दक्षिण अफ्रीका टीम के एनलिस्ट हैं। जागृत ने आर.अश्विन की काफी तारीफ करते हुए कहा कि वे काफी हँसमुख और मिलनसार व्यक्तित्व के स्वामी हैं। उनके दिए टिप्पस उसके लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं। शांति निकेतन शिक्षण संस्थान के डायरेक्टर अजीत विश्वास ने कहा कि जागृत शुरू से ही पढ़ने में भी कुशाग्र था और क्रिकेट के प्रति भी गहरा रुझान था। उसकी सफलता से वे गदगद हैं। जाहिर तौर पर कस्बाई इलाके से निकलकर जब कोई बड़ी जगह पर पहुंचता है, तो पूरे इलाके को उसपर नाज होता है और लोग उसे उदाहरण बनाते हैं।

सहरसा से संकेत सिंह की स्पेशल रिपोर्ट

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