सिटी पोस्ट लाइव : अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले बिहारी खिलाड़ियों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा तोहफा दिया है.अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वालों को बिना साक्षात्कार के बिहार में सीधे ग्रेड-वन की नौकरी दी जाएगी.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि कोई कितना भी प्रचार कर ले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री रहने के दौरान खिलाड़ियों को नौकरी देना हमने शुरू किया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पाटलिपुत्र खेल परिसर में 18वीं राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट (निडजैम) का शुभारंभ करने पहुंचे थे. इस दौरान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय और अन्य ने बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के रिपोर्ट कार्ड का विमोचन किया.ओलिंपिक स्वर्ण पद विजेता नीरज चोपड़ा ने ऑनलाइन जुड़कर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आए खिलाड़ियों की प्रतियोगिता तो पहले कभी बिहार में नहीं हुई थी. यह टूर्नामेंट जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को तैयार करेगा. हम प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए बाहर भेजेंगे. विदेश से कोच बुलाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल सम्मान योजना के तहत खिलाड़ियों को प्रशस्ति पत्र और नगद पुरस्कार सरकार की ओर से दिए जा रहे हैं. उन्होंने मंच से मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों में जल्द से जल्द स्टेडियम का निर्माण करवाया जाए. उन्होंने कहा कि राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स अकादमी और क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है. यहीं पर खेल विश्वविद्यालय भी बनेगा.
उप मुख्यमंत्री तेजस्व यादव ने कहा कि खेल में न धर्म का बंधन है न जाति की दीवार. सब मिलकर खेलते और सीखते हैं. महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री खेल को लेकर गंभीर हैं. हम राष्ट्रीय स्तर पर चमकने की ओर अग्रसर हैं. बिहार के पास अपनी स्पोर्ट्स पॉलिसी है. आज के दौर में खेलकूद बहुत कुछ सिखाता है. उम्मीद है कि खिलाड़ी इतनी बड़ी प्रतियोगिता से काफी कुछ सीख के जाएंगे.
तेजस्वी ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं और विराट कोहली साथ में खेले. आइपीएल और रणजी ट्राफी के अलावा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ रहकर मैंने भी बहुत कुछ सीखा. उनका अनुभव भी खिलाड़ियों को देना चाहूंगा. आने वाले दिनों में बिहार में इतनी बेहतर व्यवस्था करेंगे कि कोई प्रशिक्षण के लिए राज्य से बाहर न जाए. स्टेडियम में एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मैच होते देखना है.