कल है सूर्य ग्रहण,148 साल बाद अद्भुत संयोग, ये होगा फायदा.
अमावस्या तिथि 09 जून को दोपहर से शुरू, 10 जून को शाम 04 बजकर 22 मिनट पर समाप्त.
सिटी पोस्ट लाइव : कल यानी गुरुवार को ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि है.इस दिन सूर्य और शनि का अद्भुत योग बनेगा.ऐसा योग 148 वर्ष पूर्व देखने को मिला था. शनि जयंती के दिन ही साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ रहा है. हालांकि, इस बार लगने वाला ग्रहण भारत में बिल्कुल भी दिखाई नहीं देगा. ऐसे में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा और न किसी राशियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा. ग्रहण दोपहर एक बजकर 42 मिनट से आरंभ होकर शाम 6 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्यग्रहण ग्रीनलैंड, उत्तर-पूर्वी कनाडा, उत्तरी अमेरिका में दिखाई पड़ेगा. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जिन राशियों पर चल रही है उनके पास अच्छा मौका है शनिदेव को प्रसन्न करने का. इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण, वृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में पड़ेगा. इस समय वक्री शनि मकर राशि में हैं और उनकी दृष्टि मीन व कर्क राशि में विराजमान मंगल ग्रह पर है.
धार्मिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी के भक्तों पर शनि की बुरी नजर नहीं पड़ती है. शनि तुला राशि में उच्च और मेष राशि में नीच रहते हैं. मकर और कुंभ राशि के ये स्वामी हैं. इनका वर्ण काला है और ये नीले वस्त्र धारण करते हैं. गिद्ध इनकी सवारी हैं. लोहा इनकी धातु मानी गई है.धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि देव का जन्म हुआ। इस बार शनि जयंती 10 जून को है। शनि को देव और ग्रह दोनों का दर्जा है. मान्यता है कि ये पल भर में रंक को राजा और राजा को रंक बना सकते हैं. बुरे कर्म वालों के लिए दंड नायक, अच्छे कर्म वालों को आशीर्वाद देते हैं. इसलिए ये न्यायधीश और कर्मफलदाता हैं.
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