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आज है वसंत पंचमी, जानें इस पर्व का महातम, पूजा मुहूर्त और धार्मिक महत्व.

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आज है वसंत पंचमी, जानें इस पर्व का महातम, पूजा मुहूर्त और धार्मिक महत्व.

सिटी पोस्ट लाइव : आज देश भर में वसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ था जिसकी खुशी में वसंत पचंमी का त्योहार मनाया जाता है. वसंत को सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है क्योंकि इस महीने में न तो ज्यादा सर्दी होती और न ही गर्मी. वसंत पंचमी पर मां सरस्वती के प्रतीक चिन्हों की भी आराधना होती है. आइए जानते हैं वसंत पंचमी का महत्व और सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त…

 वसंत पंचमी के दिन को माता सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाई जाती है.- वसंत पंचमी पर भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा की जाती है. वसंत पंचमी के पर्व को ऋषि पंचमी, श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी आदि के नाम से भी जाना जाता है.- वसंत पंचमी को सभी शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त माना गया है.विद्यारंभ ,नवीन विद्या प्राप्ति एवं गृह-प्रवेश के लिए वसंत पंचमी को पुराणों में भी अत्यंत श्रेयकर माना गया है. इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनकर और पीला तिलक लगाकर घरों को पीले रंग से सजाते हैं.

 वसंत पंचमी के ही दिन भगवान राम माता सीता की खोज में शबरी नामक भीलनी की कुटिया में पहुंचे थे. जहां पर शबरी ने प्रभु राम के प्रेम में खोकर भगवान राम को झूठे मीठे बैर खिलाए थे. यह स्थान गुजरात के डांग जिले में स्थित हैं. यहां के लोग आज भी उस शिला को बसंत पंचमी के दिन पूजते हैं जहां पर भगवान राम बैठे थे.

 वसंत पंचमी के ही दिन पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी के बीच एक महत्वपूर्ण प्रसंग घटित हुआ था. गोरी ने मृत्युदंड देने से पहले पृथ्वीराज चौहान के शब्दभेदी बाण का कमाल देखना चाहा. इस अवसर का लाभ उठाकर कवि चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को संदेश दिया जो काफी प्रचलित है. कवि चंदबरदाई ने कविता के माध्यम से कहा था-“चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण,ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान”.अर्थात् चार बांस, चौबीस गज और आठ अंगुल जितनी दूरी के ऊपर सुल्तान बैठा है, इसलिए चौहान चूकना नहीं, अपने लक्ष्य को हासिल करो.

चंदबरदाई के संकेत को प्राप्त करते ही पृथ्वीराज चौहान ने बाण चला दिया जो सीधे जाकर गौरी के सीने लगा और उसकी मौत हो गई. यह घटना 1192 ईव को बसंत पंचमी के दिन घटी.वसंत पंचमी के दिन आज सरस्वती पूजा मुहूर्त – 10:45 से 12:35 बजे तक है.पंचमी तिथि का आरंभ (29 जनवरी 2020) – 10:45 बजे से हो चुकी है.पंचमी तिथि समाप्त (30 जनवरी 2020) – 13:18 बजे तक होगी.

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