सिटी पोस्ट लाइव :दुनिया में आज वर्ष 2021 का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2021) है. इस साल का यह पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2021) भारत (India) में अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और लद्दाख में ही आंशिक रूप से दिखाई देगा. ये ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर शुरू होकर शाम 6 बजकर 41 मिनट तक चलेगा. ज्योतिषियों का कहना है कि इस सूर्य ग्रहण का देश-दुनिया पर इसका काफी प्रभाव पड़ेगा.
ज्योतिष शास्त्रियों (Astrologer) के मुताबिक ये सूर्य ग्रहण ये सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2021) वृष राशि में पड़ने जा रहा है. वृष राशि पृथ्वी तत्व की राशि है. ऐसे में ये सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष नक्षत्र यानी मंगल के नक्षत्र में होगा. मंगल और शुक्र एक दूसरे के घोर विरोधी माने जाते हैं. शुक्र ग्रह को सौंदर्य और मंगल ग्रह को लड़ाई-झगड़े के लिए जिम्मेदार माना जाता है. ऐसे में इस ग्रहण से देश-दुनिया में युद्ध या अग्निकांड जैसे हालात जन्म ले सकते हैं.
ज्योतिष शास्त्रियों (Astrologer) के अनुसार, अगर संसार के मूल ऊर्जा स्रोत यानी सूर्य को ग्रहण लग जाए तो अनिष्ट होना निश्चित है. इस बार केतु वृश्चिक राशि में बैठा है. ऐसे में इस सूर्य ग्रहण पर चतुर्ग्रही योग बनेगा. ऐसे में जब राहु और बुध आपस में मिलेंगे तो प्राकृतिक दोष बनेगा. इसलिए प्रकृति की तरफ से अग्निकांड जैसी स्थिति हो सकती है. इसके अलावा, भूकंप, भूचाल या अग्निकांड आने की संभावना हो सकती है.
खास बात ये है कि भारत देश की लग्न कुंडली में ये ग्रहण पड़ रहा है. इसका सीधा असर 7वें भाव पर पड़ता है. चूंकि भारत (India) के अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर में चंद्रगहण दिखाई दिया था और अब सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2021) भी लगने जा रहा है तो उथल-पुथल की आशंका दिख रही है. भारत के पूर्वी हिस्से यानी अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और कश्मीर या कश्मीर से जुड़े पंजाब से देश में संकट की स्थिति पैदा हो सकती है. देश के इन हिस्सों में आने वाले 45 दिनों के अंदर घुसपैठ जैसी स्थिति या सीमा पर बहुत बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है.
ज्योतिष शास्त्रियों (Astrologer) का कहना है कि आने वाले 45 दिनों से 90 दिनों के भीतर अमेरिका और चीन के बीच युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है. युद्ध की तनावपूर्ण स्थिति दुनिया के सेंटर में देखी जाती है. संसार के मध्य भाग को किबला कहा गया है यानी इजराइल का क्षेत्र. ज्योतिष के अनुसार, वहां फिर से युद्ध की स्थिति देखा जा सकती है. हालांकि भारत (India) अपनी अंतरराष्ट्रीय नीति से युद्ध जैसे हालातों पर काबू पाने में सफल साबित होगा.
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