सिटी पोस्ट लाइव , देहरादून, उत्तराखंड : आज 10:11 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक सूर्यग्रहण लगा। जिसके चलते आज का दिन बड़ा और रात छोटी होगी। यही नही रविवार को एक साथ छ ग्रह वक्री हो रहे है। जिसमे बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु यह छह ग्रह वक्री रहेंगे। इन छह ग्रह का वक्री होना यानी एक बहुत बड़ा तहलका मचाने वाला है। डॉ आचार्य सुशांत राज ने बताया की कंकणाकृति सूर्य ग्रहण भारत में साढ़े 3 घंटे तक दिखाई देगा।
आचार्य सुशांत के अनुसार ग्रहण के दिन अशुभ गण्डयोग, संपूर्ण काल सर्प योग, मिथुन राशि से अष्टम में नीच राशिगत गुरू, वक्री शनि, इस तरह षडाष्टक अशुभ योग भी बन रहा। भारत की कुंडली में कालपुरुष का मुख स्थान यही है जहाँ मिथुन राशि पर ग्रहण होगा, विषाणु और विस्तार का कारक राहु यहीं पर संस्थित है। ऐसे में लोगो को सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही बताया कि क्रूरवारयुक्त अमावस्या पर ग्रहण मृगशिरा में है,राहु युति-शनि वेध भी है। ऐसे में कुल मिलाकर प्रजा में भय और दुर्भिक्ष, किसी बड़े नेता, अभिनेता, वैज्ञानिक, खिलाड़ी, का निधन का योग बन रहा है।
आचार्य के अनुसार ग्रहण विश्व के लिए शुभ नहीं है, इसका प्रभाव 3 माह से लेकर आगे 4 माह तक सांकेतिक है। इसके साथ ही भारत के कई स्थानों दिल्ली,अलवर, गंगानगर, सिरसा, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, जोशीमठ आदि क्षेत्रों में यह कुछ समय के लिये कंकणाकृति दृश्य रहेगा। यही नही यह ग्रहण भारत के अतिरिक्त सम्पूर्ण एशिया अफ्रीका, दक्षिणी यूरोप, हिन्द महासागर, पेसिफिक महासागर, इंडोनेशिया, माइक्रोनेशिया में दिखाई देगा।
राशि पर पड़ने वाले ग्रहण का फल…….
मेष – लाभप्रद
वृष – अत्यन्त कष्ट
मिथुन – शरीर को कष्ट
कर्क – धन व मन की हानि
सिंह – शुभ फल, श्री प्राप्ति
कन्या – स्वास्थ्य का ध्यान जरूरी,
तुला- संतान स्वास्थ्य चिन्ता
वश्चिक – मृत्यु तुल्य कष्ट
धनु – पत्नी स्त्री कष्ट सम्भव
मकर – अपने को संभालो, मृत्युतुल्य कष्ट
कुम्भ – मान, सम्मान में कमी
मीन – सुख समृद्धि
आचार्य ने बताया कि किसी भी ग्रहण का खगोल शास्त्र और वैदिक ज्योतिष दोनों में विशेष महत्व होता है, यह ग्रहण मिथुन राशि पर लग रहा है। ग्रहण के समय मिथुन राशि में बुध, सूर्य, चन्द्र, राहु होंगे। साथ ही गुरु, मंगल, चन्द्र नीच नवांश में होगे। इस लिए मिथुन, कन्या, कर्क, सिंह राशि वालों पर ग्रहण का विशेष प्रभाव पड़ेगा। यही नही आचार्य सुशांत के अनुसार भौगोलिक दृष्टिकोण से भी यह ग्रहण को काफी महत्वपूर्ण और संवेदनशील है, क्योंकि जब सूर्य ग्रहण लगेगा, तो उस समय एक साथ छ ग्रह वक्री रहेग। जो शुभ जो देश दुनिया के लिए संकेत ही है।