बिहार यात्रा पर निकले यशवंत सिन्हा, BJP ने कहा-देश का ‘सोना’ गिरवी रखने वाला नेता क्या करेगा?

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सिटी पोस्ट लाइव : भारत सरकार के पूर्व वितमंत्री बीजेपी के पूर्व दिग्गज नेता यशवंत सिन्हा एक्शन में हैं. बिहार विधान सभा चुनाव में NDA की चुनौती बढाने के लिए तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा बिहार की यात्रा पर निकल चुके हैं. मंगलवार को पटना के शहीद स्मारक पर माल्यार्पण कर उन्होंने अपना बदलो बिहार अभियान का आगाज किया.उनका पहला पड़ाव जहानाबाद होगा. इसके बाद बोधगया, सासाराम, भभुआ, बक्सर, भोजपुर आदि जिलों का दौरा करेंगे इसके बाद वापस पटना लौटेंगे.

यशवंत सिन्हा ने जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं शहीद स्मारक पर शहीदों को नमन कर “बदलो बिहार, बनाओ बेहतर बिहार” यात्रा की शुरूआत की.यशवंत सिन्हा ने बताया कि यह यात्रा बिहार में बदलाव की बयार लेकर आएगी.उन्होंने कहा कि  जो सपना जे. पी. और लोहिया ने देखा था, उसे पूरा करना ही उनका मकसद है. इस मौक़े पर यशवंत सिन्हा के साथ देवेन्द्र यादव,अरूण कुमार, पूर्व सांसद, नरेंद्र सिंह पूर्व मंत्री, नागमणि, पूर्व मंत्री, रेणू कुशवाहा, सिद्धनाथ राय, पूर्व विधायक, अशफाक रहमान, सत्यानंद शर्मा मौजूद रहे.

बिहार में तीसरे मोर्चे का नेत्रित्व कर रहे  यशवंत सिन्हा पर बीजेपी ने बड़ा हमला बोला है.बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. रामसागर सिंह ने कहा कि यशवंत सिन्हा के मुंह से विकास की बातें अच्छी नहीं लगती. देश का सोना गिरवी रखने वाले लोग क्या करेंगे बिहार का विकास.जिस नेता ने सोना गिरवी रखने का निर्णय लिया हो वह क्या खाक विकास करेगा.बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि यशवंत सिन्हा विरोधियों से मिले हुए हैं और एक प्लानिंग के तहत तीसरा मोर्चा का गठन किया गया है ताकि इसका फायदा विरोधियों को मिल सके.लेकिन उनकी मंशा कामयाब नहीं होगी।बिहार की जनता सब देख और समझ रही है.  .

पूर्व केंद्रीय मंत्री,बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे यशवंत सिन्हा इस बार बिहार चुनाव में तीसरा मोर्चा बनाकर चुनाव  मैदान में उतरने को तैयार हैं. श्री सिन्हा पटना से आज बिहार के सभी जिलों में जन संवाद रैली के माध्यम से लोगों से जुड़ेंगे. दोपहर 1 बजे पूर्व केंद्रीय मंत्री जहानाबाद में जन संवाद और प्रेस वार्ता की. यशवंत सिन्हा का कहना है कि उनके तीसरे मोर्चे का  मुख्य उद्देश्य मौजूदा सरकार के द्वारा स्थापित दमनकारी और शोषणकारी एवं सांप्रदायिक शक्तियों के द्वारा स्थापित जन विरोधी सत्ता को उखाड़ फेंकना है.  बिहार की जनता को बिहार में ही जीने का आधार देना और ससम्मान, सामाजिक संरचना में सम्मान देना है. इसके साथ ही, उन्होंने ये भी कहा कि इस धर्मयुद्ध में जो उनके साथ आना चाहते हैं. उनका स्वागत वे खुले दिल से करेंगे.

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