शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव के कारण येदियुरप्पा की गई कुर्सी

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सिटीपोस्टलाईव:शनिवार का दिन एकबार फिर से येदियुरप्पा पर भारी पड़ा. शनिवार को हुए फ्लोर टेस्ट से पहले ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. बी.एस. येदियुरप्पा का जन्म 27 फरवरी 1943 को तड़के 3 बजे कर्नाटक के मांडया जिले में धनु लग्न में कुंडली के छठे भाव में हुआ था.बी.एस. येदियुरप्पा की कुंडली में शनि की महादशा और उनके ऊपर शनि की टेढ़ी नजर है जिसके कारण उनके लिए विधानसभा में बहुमत हासिल करना संभव नहीं हो सका.

कर्नाटक विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास पर्याप्त संख्या बल ना होने के कारण येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. ज्योतिष की नजर की नजर में येदियुरप्पा की जन्मकुंडली के अनुसार इस समय उनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही हैं. 17 मई को येदियुरप्पा ने जिस समय शपथ लिया था उस समय उनकी कुंडली में अष्टम भाव में मंगल और केतु की दशा थी. मंगल और केतु ने नकारात्मक काम किया.

इससे पहले जब बी.एस. येदियुरप्पा पहली बार मुख्यमंत्री बने थे केवल 7 दिन के बाद ही बहुमत साबित न करने के कारण उनकी कुर्सी चली गयी थी. जब वह दोबारा मुख्यमंत्री बने थे तो उनके ऊपर भ्रष्टाचार के कारण उन्हें अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी और जेल जाना पड़ा था. उस दौरान भी इन पर शनि की अशुभ छाया पड़ी थी. शनि के साढ़ेसाती के कारण एकबार फिर से  येदियुरप्पा की चली गई  कुर्सी .

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