नारी गुंजन और यूनिसेफ बिहार की पहल, महादलित परिवार की बच्चियों के लिए समर कैंप का आयोजन

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : वैसे तो आजकल ज्यादातर मध्यम उच्चवर्गीय परिवार के बच्चों को स्कूल की छुट्टियों में समर कैंप के दौरान यह मौका मिलता हैं. जहां वो सृज्नात्मक और क्रियात्मक माहौल में गैर शैक्षिणक गतिविधियों में हिस्साा लें। लेकिन महादलित समुदाय की किशोरियों, जिनमें शिक्षा की दर अत्यंत कम हो उनके के लिए ऐसे किसी कैंप की बात किसी सपने से कम नहीं लगती। ऐसे ही एक समर कैंप के सपने को साकार किया हैं नारी गुंजन और यूनिसेफ बिहार ने।
यूनिसेफ के सहयोग से 8 से 18 साल की महादलित किशोरियों के लिए समर कैंप का आयोजन नारी गुंजन के द्वारा किया जा रहा है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस कैंप की शुरूआत 26 मई को हुई है। आज इस कैंप के गतिविधियों को यूनिसेफ बिहार के प्रमुख असदुर रहमान ने देखा और बच्चों के साथ बातचीत की।इस दौरान सभी समूहों के बच्चों ने अपने अपने कौशल का प्रर्दशन किया। बच्चों के एक समूह ने मानव पिरामिड बनाया, वहीं एक समूह ने जूडो-कराटे के जादूई ट्रिकों का प्रर्दशन किया। एक समूह ने संगीत की धुनों पर योगा किया वहीं जुनून समूह ने ससुराल गे्ंदा फूल नामक गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। थिएटर वाले बच्चों के समूह ने लड़कियों की बराबरी पर एक नाटक प्रस्तुत किया। इस पहल के बारे में बताते हुए पद्मश्री सुधा वर्गीज ने कहा कि इस कैंप में प्रेरणा हॉस्टल में रहने वाली महादलित लड़कियों के अलावा पटना, गया, पुनपुन, बिहटा और नौबतपुर की लगभग 350 किशोरियां शामिल हुई। इसका उद्देश्य बच्चों को शिक्षा, कला एंव अपने अधिकारों को प्रति जागरूक करना है। इसमें किशोरियों को रहन-सहन का तरीका, वेस्टर्न डांस, एरोबिक्स , योगा, स्टोरी टेलिंग, चित्रकला, मूर्तिकला, क्राफ्ट, कम्प्यूटर, नाटक, जूडो कराटे, सृजनात्मक लेखन और जीवन कौशल की जानकारी दी जा रही है। इससे इन बच्चों में आगे पढने की इच्छा के साथ ही दूसरों को भी इसके बारे में प्रेरित करने में सहयोग मिलेगा।बच्चों को संबोधित करते हुए यूनिसेफ बिहार के प्रमुख असदुर रहमान ने कहा कि महादलित समुदायों की किशोरियों अपने आगे की पढाई पूरी नहीं कर पाती। ये लड़कियां यह स्वयं जागरूक होने के साथ ही अपने समुदाय की लडकियां के लिए चेंज एंजेंट बनेगी। उन्होनें हाल ही में बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए कन्या उत्थान योजना के बारे में बताते हुए कहा कि इसके अंतर्गत्‍ जन्म से लेकर स्नातक तक की पढाई करने वाली किशोरियों को सरकार की ओर से बलिकाओं के संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वावलंबन के लिए अलग-अलग योजनाओं में 54 हजार 100 रूपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होनें संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें सभी बच्चों के लिए बराबर और समान अधिकार की बात की गई है। यूनिसेफ बिहार में सरकार और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर 18 से कम उम्र के हर व्यक्ति के अधिकार को सुनिशिचत करने की दिशा में काम करता है। बच्चों की विभिन्न गतिविधियों को देखा और उनकी सराहना करते हुए कहा कि इन बच्चों का उत्साहवर्द्धन किया। अपने अनुभवों को साझा करते हुए कक्षा 4 की रीता कुमारी ने कहा कि यह मेरे लिए सपनों के पूरे होने के जैसा है। यहां हमने यह सीखा की जब मुसीबत में हैं तो कैसे निर्णय लेंगें। इसके अलावा मैनें पेपर से बहुत सारी चीजें बनाने और पेंटिंग करना सीखा। डांस सीख रही रामरती कुमारी कहती हैं – मैनें कभी सोचा नहीं था कि मैं डांस सीखूंगी और इतने लोगों के सामने करके दिखाउंगी। इस पूरे पहल के बारे में बताते हुए यूनिसेफ बिहार की शिक्षा विशेषज्ञ प्रमीला मनोहरण कहती हैं कि इस समर कैंप के बाद शैक्षणिक सामग्री से भरी बस, उन गांवों तक जाएगी जहां नारी गुंजन के सेंटर हैं। इसमें पुनपुन, बिहटा और दानापुर प्रखंड शामिल होगें। आडियो वीडियो सामग्रियों से लैस इस बस में लाइब्रेरी, फिल्म देखने की सुविधा और कंप्यूिटर के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी है। इसके माध्यम से बच्चों के माता-पिताओं को भी बच्चों की शिक्षा के महत्व के बारे में भी बताया जाएगा जिससे बच्चों का ड्रॉप आउट कम किया जा सके और बच्चे स्कूल में रहें। गौरतलब है कि‍ जनगणना 2011 के अनुसार बिहार में अनुसूचित जाति में साक्षरता दर 48.6 % है वहीं अनुसूचित जाति की महिलाओं में यह 38.4 प्रतिशत ही है। अनुसूचित जाति में भी मुसहरों के बीच साक्षरता दर बहुत कम है। समाजि‍क और आर्थिक रूप से अत्यंत पिछडा मुसहर समुदाय बिहार में महादलित समूह में शामिल है। अनुसूचित जाति, जन जाति कल्याण विभाग के 2012 के एक रिर्पोट के अनुसार मुसहरों में साक्षरता दर 9% वहीं इनमें महिला साक्षरता दर काफी कम 3.9 % है। इस कैंप का समापन 2 जून को होगा । इस अवसर पर पटना के जिला पदाधिकारी मुख्य अतिथि होगें समापन के अवसर पर बच्चों के द्वारा तैयार विभिन्न प्रकार की सामग्री की प्रदर्शनी और कलाओं का प्रदर्शन होगा और द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएगी।

Share This Article