सिटी पोस्ट लाइव: रालोसपा राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने अपने चुनावी अभियान की शुरुवात अलग अंदाज में शुरू किया है. अपने विभाग का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने राज्य के शिक्षकों को अपने से जोड़ने का अनूठा प्रयोग किया है. उन्होंने गुरु पूर्णिमा के दिन शिक्षकों को सम्मानित करने का कार्यक्रम का आयोजन किया .उन्होंने शिक्षकों को गैर- शैक्षणिक कार्यों में लगाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि शिक्षकों को शिक्षक ही रहने दें. शिक्षकों को रसोइया और ठेकेदार नहीं बनाइए. शिक्षकों को सिर्फ पढ़ाई के काम में ही लगाना चाहिए. जो शिक्षक पढ़ाने में असमर्थ हैं, उन्हें नौकरी से न हटा कर दूसरे विभाग में अन्य कार्य कराया जाना चाहिए. शुक्रवार को गुरुपूर्णिमा के मौके पर वे मिलर स्कूल मैदान में शिक्षा सुधार शिक्षक सत्कार कार्यक्रम में 10 शिक्षकों को सम्मानित करने के बाद संबोधित कर रहे थे.
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जब तक शिक्षक भूखा है, ज्ञान का सागर सूखा है. शिक्षकों की समस्या का समाधान किए बिना शिक्षा में सुधार नहीं हो सकता है. रालोसपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शिक्षा में सुधार का संकल्प लिया है.गांधी मैदान में हमने संकल्प लिया था कि शिक्षा में सुधार कर के रहेंगे. इस कड़ी में पिछले दिनों शिक्षा सुधार पुस्तक उपहार कार्यक्रम के तहत कस्तूरबा गांधी विद्यायल के बच्चियों को मुफ्त किताब दिया गया.
उन्होंने कहा कि आज कोई शिक्षक नहीं बनना चाहता है क्योंकि शिक्षकों का सम्मान घटा है. क्यों ऐसा हुआ इसके ऊपर विचार करना होगा.शिक्षकों को सम्मान मिलेगा, तभी शिक्षा में बेहतर सुधार भी होगा.उन्होंने भविष्य में शिक्षकों की सभी समस्या का समाधान होने समाज में उन्हें फिर से सम्मान मिलने की उम्मीद जताई .