राज्य सरकार को अस्थितर करने की कोशिश अब सफल नहीं होगी : कांग्रेस

City Post Live
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति को अनिवार्य करने के फैसले का स्वागत किया है। प्रवक्ताओं ने शुक्रवार को कहा कि जिस तरह से पिछले छह साल से केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विभिन्न राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश और विरोधी दलों के नेताओं तथा संघ विरोधी विचाराधारा के अधिकारियों को फंसाने की कोशिश हो रही है।  उस कारण देशभर के गैर भाजपा शासित राज्यों को इस तरह का कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड देश का ऐसा आठवां राज्य बन गया है, जिसने यह अनिवार्य कर दिया है कि सीबीआई को किसी मामले में जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। जिस तरह से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की ओर से पिछले दिनों दुमका में उपचुनाव प्रचार के दौरान यह बयान दिया कि झारखंड में अगले कुछ महीने में नेतृत्व परिवर्त्तन होगा। यह वक्तव्य दर्शाता है कि अंदरखाने में केंद्र के भाजपा नेताओं की ओर से हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश चल रही है।
इससे पहले भाजपा सांसद निशिकांत दूबे द्वारा भी यह सार्वजनिक बयान दिया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई विभिन्न मामलों की जांच की तैयारी कर रही है। इन सारे बयानों से यह साफ होता है कि जब जनता ने वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को नकारने का काम किया है, तो भाजपा नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर सत्ता पर काबिज होने के प्रयास में जुटे हैं। लेकिन उनका यह प्रयास झारखंड में कद्दापि सफल नहीं होगा। जिस तरह से सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में एक अधिकारी के खिलाफ अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया, तो पश्चिम बंगाल सरकार सरकार की ओर से खुलकर विरोध किया। बाद में पश्चिम बंगाल सहित अन्य गैर भाजपा शासित राज्यों को इस तरह का कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा।
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