सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में सियासी घमासान जारी है. हाल में ही बसपा विधायक मोहम्मद जमां खान (BSP MLA Mohammad Zaman Khan) ने जेडीयू जॉइन कर लिया. निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने भी अपना समर्थन सरकार को दे दिया और एलजेपी के विधायक राज कुमार सिंह भी सीएम नीतीश से मिल उन्हें विकास पुरुष बता चुके हैं. गुरुवार को असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के सभी पांचो विधायकों की नीतीश कुमार से मुलाक़ात के बाद सियासत और भी गरमा गई है.हालांकि असदुद्दीन ओवैसी ये साफ़ कर चुके हैं कि अपने क्षेत्र के विकास कार्य को लेकर वो मुख्यमंत्री से मिले थे.उन्होंने कहा कि जबतक नीतीश कुमार बीजेपी के साथ हैं,समर्थन का सवाल ही पैदा नहीं होता.
JDU अंदर ही अंदर अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने में लगी हुई है. एक-एक करके जिस तरह से ग़ैर महागठबंधन विधायकों का नीतीश कुमार से मिलना हो रहा है, निगाहें कांग्रेसी विधायकों पर टिक गई हैं. सूत्र ये भी बताते हैं कि कई कांग्रेसी विधायक JDU के सम्पर्क में भी हैं, लेकिन जितनी संख्या विधायकों की चाहिए उतनी संख्या पूरी हो नहीं पाई है. दरअसल, दलबदल कानून के दायरे से बाहर रहने के लिए कांग्रेस के कम से कम 13 विधायक एक साथ होने चाहिए.
JDU प्रवक्ता अजय आलोक कहते हैं, नीतीश कुमार के साथ हर दल के नेता काम करना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि सीएम नीतीश के साथ काम करके ही जनता के विकास के लिए ईमानदारी से काम किया जा सकता है. साथ ही उनका राजनीतिक भविष्य भी सुरक्षित रहेगा. अगर कल की तारीख में कांग्रेसी विधायक भी नीतीश कुमार के प्रति निष्ठा दिखा दें तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है.हालांकि, कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ऐसी अटकलबाजियों को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि कांग्रेसी MLA एकजुट हैं. इस वक़्त नीतीश कुमार और भाजपा के बीच शह और मात का खेल चल रहा है और नीतीश अपने विधायकों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन वो अपने मंसूबे में सफल नहीं होंगे.कांग्रेस नेता के दावे के इतर राजनीतिक स्थितियां बता रही हैं कि जल्द ही बिहार की सियासत में कुछ बड़ा होने वाला है.