महागठबंधन में कलह और तेज, कांग्रेस की रंजीता रंजन को हराने के लिए राजद ने किया यह खेल!
सिटी पोस्ट लाइवः महागठबंधन में महाघमासान थम नहीं रहा। पहले जब लंबे वक्त तक सीटों का पेंच फंसा रहा तो कलह और कोहराम मचता रहा। सीटों की सख्या और लोकेशन को लेकर सहयोगियेां की डिमांड से महागठबंधन में रार मची रही लेकिन जब अब सीटों का पेंच सुलझ गया है, सीटों का बंटवारा हो गया है, प्रत्याशियों के नाम के एलान तक कर दिये गये हैं तब भी महागठबंधन की अंदरूनी लड़ाई खत्म होती नजर नहीं आ रही बल्कि और सतह पर आ गयी है।
खबर सुपौल सीट को लेकर है जहां कांग्रेस ने अपनी मौजूदा सांसद रंजीता रंजन को दुबारा सुपौल से अपना उम्मीदवार बनाया है। रंजीता रंजन की मुश्किल यह है कि उनकी एक पहचान और भी है कि वे मधेपुरा की मौजूदा सांसद पप्पू यादव की पत्नी हैं और चूंकी पप्पू यादव मधेपुरा से महागठबंधन उम्मीदवार शरद यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं इसलिए राजद अब रंजीता रंजन की राह भी मुश्किल करने पर आमादा है।
पहले भी खबर आयी थी कि अगर पप्पू यादव ने शरद यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा तो इसकी कीमत रंजीता रंजन को चुकानी पड़ सकती है और अब रंजीता रंजन को हराने के लिए राजद ने बड़ा ख्ेाल रच दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजद और रंजीत रंजन के बीच जारी विवाद अब सतह पर आता नजर आ रहा है. राजद ने एक ओर अपने निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश यादव को समर्थन देने की औपचारिक घोषणा कर दी है. इसकी वजह से रंजीता की राह और भी मुश्किल होती जा रही हैं. दरअसल, राजद की मांग थी कि पप्पू यादव मधेपुरा से महागठबंधन के प्रत्याशी शरद यादव के खिलाफ अपना नामांकन वापस लें, तभी सुपौल में कांग्रेस प्रत्याशी और उनकी पत्नी रंजीता रंजन को राजद अपना समर्थन देगा.
मालूम हो कि सोमवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख थी. इसके बावजूद भी पप्पू यादव ने मधेपुरा से अपना नामांकन वापस नहीं लिया, जिससे राजद के तल्ख तेवर अब दिखने लगे हैं. राजद विधायक और जिला अध्यक्ष यदुवंशी यादव ने कहा कि राजद के निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश यादव ने उनसे समर्थन की मांग की है, जिसे एक बैठक के बाद निर्णय लेकर समर्थन कर दिया जाएगा. अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि महागठबंधन की अंदरूनी लड़ाई कितनी भीषण है जब राजद ने अपने दूसरे सहयोगी कांग्रेस की उम्मीदवार को हराने की जोर-आजमाइश शुरू कर दी है।