सिटी पोस्ट लाइव : जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष से तेजस्वी यादव को ना तो अपने पद के कर्तव्यों एवं जिम्मेवारियों का कोई एहसास है और ना ही बिहार की जनता से चुनाव के बाद उन्हें कोई सरोकार है। इसीलिए नए साल में जहाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार जनहित के बड़े फैसले ले रहे हैं, वहीँ तेजस्वी जी दिल्ली रवाना हो गए। वह राहुल गांधी के पदचिन्हों पर चलने में यकीन करते हैं। बिहार की जनता ने जब से उन्हें सत्ता से विमुख किया है तब से उन्हें बिहार की जनता से मोहभंग हो गया है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के नेताओं के द्वारा दिए गए बयानों एवं जारी किए गए पोस्टरों से सत्ता के लिए उनकी बौखलाहट और हताशा लगातार बिहार की जनता के सामने आ रही है। कभी वे नीतीश कुमार जी को प्रधानमंत्री पद का प्रलोभन देते हैं तो कभी जदयू में टूट की बात करते हुए कहते हैं कि ‘पार्टी को टूट से बचाना है तो बचा लो’। सत्ता की हताशा और बौखलाहट में तेजस्वी यादव और राजद के बयानवीर नेता इतने कन्फ्यूज्ड हैं कि कभी कुछ कहते हैं तो कभी कुछ।
राजीव रंजन ने कहा कि तेजस्वी यादव को ना तो अपनी पार्टी की और ना ही अपने पार्टी के नेताओं की चिंता है, चुनाव के बाद बिहार की जनता से उनका पहले ही मोहभंग हो चुका है, चाहे बिहार कितने ही बड़े प्राकृतिक आपदा से क्यों ना जूझ रहा हो तेजस्वी यादव बिहार को उस बूरे हाल में छोड़ अज्ञातवास में चले जाते हैं। दरअसल तेजस्वी यादव पार्ट टाइम राजनीतिज्ञ एवं फुल टाइम पर्यटक हैं। तेजस्वी यादव की पहचान एक ऐसे नेता के रूप में बनते जा रही है जो ठीक से नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर सकता है तो वह सत्ता कैसे चलाएगा ?
राजीव रंजन ने कहा कि तेजस्वी यादव या राजद को हमारी चिंता करने के बजाए अपनी पार्टी को संभावित टूट से बचाने की चिंता करनी चाहिए। तेजस्वी यादव के कार्यशैली से ना तो पार्टी के विधायक खुश हैं और ना ही पार्टी के कार्यकर्ता। वह सभी अपने आप को तेजस्वी यादव के नेतृत्व में असहज महसूस कर रहे हैं और बात रही गठबंधन की तो महागठबंधन में भी तेजस्वी यादव की स्वीकार्यता पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।