तारिक अनवर बन सकते हैं बिहार कांग्रेस अध्‍यक्ष, 6 कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाने की उठी मांग

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सिटी पोस्ट लाइव: बिहार प्रदेश कांग्रेस में विधान सभा चुनाव के बाद से ही बड़े पैमाने पर संगठन में फेरबदल करने की कवायद जारी है.सूत्रों के अनुसार अब बहुत जल्द बड़ा उलटफेर होनेवाला है.प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा का कार्यकाल इस वर्ष सितंबर महीने में समाप्त होगा. इसके बाद परंपरा के अनुसार नए अध्यक्ष की नियुक्ति होगी. कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार अध्यक्ष पद की रेस में कई बड़े नाम चर्चा में हैं लेकिन पार्टी हाईकमान की पहली पसंद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और केरल के प्रभारी तारिक अनवर है.बिहार कांग्रेस में प्रदेश अध्‍यक्ष बदले जाने की चर्चाओं के साथ ही दावेदारी तेज हो गई है. सोमवार को कांग्रेस के महासचिव तारिक अनवर पटना में थे. इस दौरान सीमांचल के कई कांग्रेस नेता भी पटना में सक्रिय दिखे. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य इंतेखाब आलम ने सोमवार को ही पार्टी में अल्‍पसंख्‍यकों की उपेक्षा मुद्दा उठाया.

प्रदेश अध्‍यक्ष पद की रेस के लिए चर्चाओं में अगला नाम पार्टी के राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के बड़े नेता डा. अखिलेश प्रसाद का है.हालांकि अखिलेश प्रसाद के नाम पर कुछ लोग सहमत हैं तो कई विरोध भी कर रहे हैं. इनके अलावा इस रेस में दो बार के विधायक डा. राजेश राम, कार्यकारी अध्यक्ष समीर कुमार सिंह, श्याम सुंदर सिंह धीरज और कौकब कादरी भी हैं.कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने छह कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाने की मांग पार्टी से की है.

पार्टी के सूत्रों की मानें तो आलाकमान को सबसे पहले बिहार प्रभारी भक्त चरण दास की रिपोर्ट का इंतजार है. हाल ही में तीन दिनों के दौर पर आए दास ने पार्टी के विधायकों से एक-एक कर मुलाकात कर उनसे अध्यक्ष समेत कई बिंदुओं पर जानकारी हासिल की. इसके पहले के अपने दौरे में दास सूबे के सभी जिलों में गए और वहां पार्टी नेताओं से संगठन की मजबूती से लेकर संभावित बदलाव पर भी चर्चा की. दास की रिपोर्ट दो-तीन दिन में आलाकमान तक पहुंचने की चर्चा है.

आलाकमान दास की रिपोर्ट के साथ ही अध्यक्ष पद के लिए जाति समीकरणों के साथ ही ऐसे चेहरे की ओर देख रहा है जिस पर भरोसा कर पार्टी की कमान सौंपी जा सके. बताया जाता है कि पार्टी ऐसे नेता की तलाश में है जिसकी बिहार की राजनीति में पकड़ हो साथ ही जिसके संबंध राजद से बेहतर हों. इन मापदंडों पर खरा उतरने वाले नेता ही इस बार अध्यक्ष पद की कुर्सी हासिल कर पाएंगे. पार्टी सूत्रों की माने तो आलाकमान के स्तर से जुलाई में ही अध्यक्ष पद को लेकर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा.

बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष अनिल शर्मा ने मंगलवार को एक ट्वीट के जरिए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष किसी वर्ग का हो, कार्यकारी अध्यक्ष के पदों पर सबकी भागीदारी होनी चाहिए. उन्होंने पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, सवर्ण, मुस्लिम एवं महिला को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फार्मूला भी दिया है. शर्मा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन में कार्यकारी अध्यक्ष की सूची में पिछली बार किसी महिला, पिछड़ी या अति पिछड़ी जाति के किसी प्रतिनिधि को जगह नहीं मिली थी.

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