सिटी पोस्ट लाइव : अपने बयानों की वजह से विवादों में घिरी रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की चर्चा बिहार में भी जारी है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणा आचार्या ने कंगना रनौत पर हमला बोला है. गुरुवार को ट्वीट कर रोहिणी ने लिखा, “शहीदों की जान जिसे भीख लगती है फर्जी झांसी की रानी तू देशद्रोही लगती है.” यही नहीं एक और ट्वीट कर उन्होंने लिखा था कि एक नया इतिहास लिखा जाएगा आजादी को भीख बता कर अंधभक्तों के पप्पा का गुणगान किया जाएगा..
एक नया इतिहास लिखा जाएगा
आजादी को भीख बता कर
अंधभक्तों के पप्पा का गुणगान किया जाएगा..— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) November 11, 2021
रोहिणी आचार्या से पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने तो पद्म श्री सम्मान वापस लेने की बात कह दी थी. जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा, “महामहिम रामनाथ कोविंद अविलंब कंगना रनौत से पद्म श्री सम्मान वापिस लेना चाहिए. नहीं तो दुनिया ये समझेगी कि गांधी, नेहरू, भगत सिंह, पटेल, कलाम, मुखर्जी, सावरकर सब के सब ने भीख मांगी तो आजादी मिली. लानत है ऐसे कंगना पर. टाइम्स नाउ ऐसे टॉक के लिए माफी मांगे और सभी चैनल कंगना को बैन करें.”
महामहिम@rashtrapatibhvn अविलंब कंगना रनौत से पद्म श्री सम्मान वापिस लेना चाहिए।
नहीं तो दुनिया ये समझेगी कि गांधी,नेहरू,भगत सिंह,पटेल,कलाम,मुखर्जी,सावरकर सब के सब ने भीख मांगी तो आजादी मिली!
लानत है ऐसे कंगना पर!@TimesNow ऐसे टॉक के लिए माफी मांगे और सभी चैनल कंगना को बैन करें। pic.twitter.com/ARWkJ6DwDb— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) November 11, 2021
बता दें कि बिहार ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में कंगना के इस बयान को लेकर बवाल मचा है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘’कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान और अब शहीद मंगल पांडेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार. इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?’’
कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार।
इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह? pic.twitter.com/Gxb3xXMi2Z
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 11, 2021
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