तेजस्वी, मीसा भारती समेत 6 नेताओं पर FIR दर्ज कराने वाले एडवोकेट संजीव सिंह का बयान दर्ज

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सिटी पोस्ट लाइव : चुनाव का टिकट देने के नाम पर तेजस्वी यादव और मिसा भारती द्वारा 5 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में एडवोकेट संजीव सिंह का बयान बुधवार को कोतवाली थाने में दर्ज हो गया. सूत्रों के अनुसार वकील ने इतना बड़ा आरोप तो लगा दिया है लेकिन अपनी बातों को साबित करने के लिए उनके पास कोई प्रमाण नहीं है. पुलिस उनके बयान से संतुष्ट नहीं है. पुलिस के अनुसार ‘वकील ने न तो कोई ठोस सबूत दिया और न ही उनका बयान संतोषजनक है.गौरतलब है कि कोर्ट के आदेश पर तेजस्वी यादव, मीसा भारती, दिवंगत कांग्रेस नेता सदानंद सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा सहित 6 लोगों पर ठगी का मामला दर्ज किया गया है.

एडवोकेट ने कहा कि ‘इस मामले की जांच शुरू हो गई है. केस में मैं इंफोर्मंट यानी सूचना देने वाला हूं. मैंने पुलिस के सामने साक्ष्य पेश कर दिया है. पुलिस को मैंने बताया है कि रुपए का इंतजाम कैसे किया था? कब और किसे, कितने रुपए दिए थे? इस केस में अपराधी कौन हैं? उस दौरान कौन-कौन लोग सामने में मौजूद थे? इस बारे में सारे डिटेल्स पुलिस को दी गई है. 5 करोड़ रुपए मैंने दिया था, उस वक्त कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा सामने में बैठे हुए थे. मैंने तेजस्वी यादव और मदन मोहन झा के हाथ में पूरे रुपए दिए थे. चार अलग-अलग बैग में 5 करोड़ रुपए लेकर हम गए थे. उस दौरान कार्यालय में तेजस्वी यादव व मदन मोहन झा के अलावा कांग्रेस के दिवंगत नेता सदानंद सिंह, शुभनंद मुकेश, मीसा भारती और राजेश राठौड़ भी थे.

वकील का कहना है कि चुनाव लड़ने का उसका मन बना हुआ था इसलिए टिकट लेने के लिए 2018 से ही 5 करोड़ रुपए का जुगाड़ करने में जुटा था. उसने बताया कि चुनाव के लिए मेरे 105 दोस्तों, रिश्तेदारों ने मुझे रुपए गिफ्ट किया था. इसके अलावा सोने की बनी पुश्तैनी ज्वेलरी को बेच दिया था. इस तरह से मैंने रुपए चुनाव लड़ने के लिए इकट्‌ठा किया था. इन लोगों ने बेइमानी कर ली, पैसा रख लिया और टिकट भी नहीं दिया.’

एडवोकेट ने 5 करोड़ रुपए कहां से जुटाए? इस बात का कोई ठोस सबूत उनके पास नहीं है. जिन 105 लोगों ने उन्हें चंदा दिया तो उसकी रसीद होनी चाहिए थी. मगर, चंदा से जुड़ा कोई रसीद उन्होंने नहीं दिया. वो अपनी सोने से बनी पुश्तैनी ज्वेलरी बेचने की बात बता रहे हैं, लेकिन ज्वेलरी को कब और कहां बेचा? इसका भी ठोस सबूत वो नहीं दे पाए.सूत्रों के अनुसार, DSP लॉ एंड ऑर्डर और कोतवाली थाना की पुलिस संतुष्ट नहीं हैं.

संजीव सिंह ने 18 अगस्त 2021 को कोर्ट में एक कंप्लेन केस फाइल किया था. इन्होंने आरोप लगाया कि भागलपुर से लोकसभा का टिकट देने के एवज में 15 जनवरी 2019 को 5 करोड़ रुपए उनसे लिए गए थे. मगर, रुपए देने के बाद भी उन्हें टिकट नहीं मिला. उनके नाम का टिकट दूसरे उम्मीदवार को दे दिया गया.उन्होंने आपत्ति जताई तो विधानसभा चुनाव में उन्हें 2 टिकट देने का भरोसा दिलाया गया था, लेकिन वह भी नहीं मिला. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 31 अगस्त 2021 को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था. 16 सितंबर को पटना के CJM कोर्ट की तरफ से केस दर्ज करने के लिए एक आदेश जारी किया गया था. इसी आधार पर IPC की धारा 420, 120B, 467, 468, 471, 506, 406, 499, 500, 34 के साथ ही 27 आर्म्स एक्ट के तहत कोतवाली थाना में FIR नंबर 365/21 दर्ज की गई थी.

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