सिटीपोस्टलाईव:बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर पूरा विपक्ष एकसाथ हो गया है.लेकिन ख़ास बात ये है कि बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू ने विशेष दर्जा की मांग को तेज हवा देने के साथ साथ केंद्र सरकार पर बिहार के हितों की अनदेखी का आरोप भी लगाना शुरू कर दिया है.15वें वित्त आयोग को सौंपे जाने वाले मांगपत्र की तैयारियों पर शनिवार को को विधानसभा की लाइब्रेरी में स्पीकर विजय चौधरी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों ने एक सुर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की.लेकिन इस बैठक में सबसे बड़ी खबर जेडीयू सांसद आरसीपी सिंह ही केंद्र सरकार पर हमला कर बन गए.इस बैठक का आयोजन आद्री की तरफ से किया गया था. गौरतलब है कि 15वें वित्त आयोग की टीम 11-12 जुलाई को पटना आ रही है.विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने मेमोरेंडम में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग शामिल करने की सलाह देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जो विशेष पैकेज की घोषणा कि उसकी भी मेमोरेंडम में चर्चा होनी चाहिए.उन्होंने कहा कि बिहार जैसे पिछड़े राज्य को अतिरिक्त सहायता मिलनी चाहिए.
राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी से लेकर सभी दलों ने सूर से जोरदार तरीके से बिहार के लिए विशेष पॅकेज की मांग रखते हुए सवाल भी खड़े किये -“आखिर जब केंद्र और राज्य दोनों जगह एनडीए की सरकार तब विशेष राज्य का दर्जा मिलने में क्यों देरी हो रही है ?” फिर क्या था जेडीयू संसद आरसीपी सिंह ने भी केंद्र सरकार पर बिहार की अनदेखी करने का ऐसा आरोप लगाया कि विपक्ष को समझ में ही नहीं आया कि ये क्या हो रहा है.सताधारे दल का एक बड़ा नेता अपने ही गठबंधन की सरकार पर हमला करने ममे उनसे भी आगे कैसे ? आरसीपी ने कहा कि नेपाल की वजह से बिहार में हर साल बाढ़ से तबाही आती है और हर साल हजारों करोड़ की बर्बादी होती है. उन्होंने फाइनेंस कमीशन से पूछा है कि उसे ये बताना चाहिए कि बिहार ने क्या अपराध किया है जिसके कारण उसके साथ यह नाइंसाफी हो रही है. वित्त आयोग से तय होने वाली हिस्सेदारी में बिहार को सहायता 11.56 प्रतिशत से घट कर 9.5 प्रतिशत रह गई है. रघुराम राजन की कमेटी की पिछड़े राज्यो को प्राथमिकता दिए जाने की अनुशंसा की चर्चा करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि देश में एक ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जो अपनी लीगल कमिटमेंट पूरा करे. बैठक में तमाम दलों के अनुभवी नेता शामिल हुए .
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