सरयू राय ने जमशेदपुर में लीज के मुद्दे पर सरकार को घेरा

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा में बुधवार को सत्र के दौरान पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने कहा कि क्या राजस्व के लिए सरकार गलत काम करेगी। राय ने इस दौरान सरकार से पूछा कि नियम है कि वैद्य जमीन पर ही शराब की दुकान चले। लेकिन जमशेदपुर में कैसे अवैध जमीन पर शराब दुकान चल रही है। इस पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राजस्व के लिए सरकार गलत काम नहीं करती हैं। जमशेदपुर में सारी जमीन लीज की है। वहां रैयत भूमि नहीं है। 130 करोड़ रूपया राजस्व से आता है। सहायक उत्पाद आयुक्त द्वारा रिपोर्ट सौंपी गई है।
इस दौरान सरयू राय ने कहा कि टाटा लीज के क्षेत्र से बाहर भी है। जमीन अधिग्रहित है तो टाटा में जितनी भी बस्तियां हैं। उसके पास बिजली बिल है, उन्हें मालिकाना हक दे दें। इस दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि सभी प्रक्रियाओं के बाद ही दुकानें लीज पर दी गई हैं। केवल वर्मा माइंस के तीन दुकानों का लीज रद्द किया गया है। जमशेदपुर लीज पर बसा हुआ है व्यक्तिगत स्वामित्व वाली जमीन नहीं है। राय ने कहा कि वर्मा माइंस की तरह लगभग 40 दुकानें अवैध हैं। उन्होंने कहा कि शराब दुकान खोलना अगर अच्छी चीज है तो सरकार खोले। लेकिन इसके नुकसान पर भी ध्यान दें। राजस्व सरकार को जितना आता है उससे सामाजिक नुकसान ज्यादा होता है।
उन्होंने कहा कि सरकार अगर चाहे तो टाटा को लीज दी गई जमीन वापस ले। मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सभी व्यवसायिक कार्य जमशेदपुर में लीज जमीन और होती हैं। इस पर राय ने कहा कि ऐसे में जमशेदपुर को इरेगुलेरिटी सिटी घोषित कर दिया जाए। लीज के समझौते के मुताबिक टाटा स्टील को वहां रह रहे लोगों को जलापूर्ति की सुविधा देना है। उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि समझौते के मुताबिक नागरिकों को यह सुविधा दी जा रही है या नहीं इसकी जांच के लिए क्या सरकार के पास कोई एजेंसी या पदाधिकारी है। इस पर मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि जांच के लिए जिले के डीसी हैं। इस दौरान सरयू ने कहा कि डीसी के अनुसार वह इसके लिए जिम्मेवार नहीं हैं। राय ने कहा कि कई इलाकों में लोग बगैर जल आपूर्ति के कारण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। अगर समझौते का उल्लंघन हो रहा है तो एग्रीमेंट वापस लिया जाए। उन्होंने बताया कि 1985 में या समझौता हुआ था। इसके बाद में 2005 में रिनुअल भी कर दिया गया था।
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