सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में NDA गठबंधन में कहीं न कहीं थोड़ी दरार दिखाई देने लगी है. जिसका कारण अरुणाचल प्रदेश में हुए दलबदल को बताया जा रहा है. हालांकि इसे लेकर भाजपा की ओर से ये जरुर कहा गया कि ऐसा कुछ नहीं है, बिहार में NDA की सरकार है और हमेशा रहेगी. लेकिन इसके बावजूद विपक्ष इस दलबदल पर काफी खुश हैं. उन्हें यकीन है कि आज न कल जदयू गठबंधन जरुर तोड़ देगी. इसलिए राजद उन्हें गठबंधन जल्द तोड़ने और नया गठबंधन मतलब राजद में शामिल होने का ऑफर तक दे रही है.
दरअसल आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने स्पष्ट किया कि गेंद जद(यू) नेतृत्व के पाले में हैं. उन्हें समझना चाहिए कि अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू विधायकों के सामूहिक रूप से बीजेपी में शामिल होने के घटनाक्रम का मकसद ‘पुरानी बातों का बदला लेना’ है. तिवारी ने एक दशक पहले की बात याद करते हुए कहा कि जब नीतीश बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेने पटना आए तो पार्टी नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज रद्द कर दिया था. नीतीश कुमार ने तब साफ कर दिया था कि उन्हें भाजपा से कोई दिक्कत नहीं हैं लेकिन वह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ थे. मोदी ऐसे आदमी हैं, जो इस चीज को भूलने वाले और माफ करने वाले नहीं हैं.
वहीं उन्होंने कहा कि ने अरुणाचल प्रदेश का घटनाक्रम चिराग पासवान के विद्रोह के साथ शुरू हुए घटनाक्रम का हिस्सा है. जैसे चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव में जदयू को बड़े से छोटे भाई की भूमिका में खड़ा कर दिया वैसे ही अब उन्हें और छोटा बताने के लिए भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में जदयू के सभी विधायकों को अपने में शामिल किया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अब तो भाजपा नीतीश कुमार को अपमानित करने में भी लगा है.