सिटीपोस्टलाइव:दलितों के घर भोज करने को लेकर आज कल राजनितिक सियासत गरमाई हुई है| हर दुसरे दिन किसी नेता की तस्वीर दलितों के साथ भोजन करते दिख जाती है| हालाँकि यह बात अलग है कि दलितों के यहाँ जाने के बावजूद नेता खाना खुद ही ले जाते है खाने के लिए| इस मामले पर कई नेताओं ने कटाक्ष करते हुए बयान दिया है कि यह मात्र प्रतीकवाद है| हाल ही में भाजपा नेता के दलितों के घर खाना खाने पर हुए विवाद में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने इसे कोरी राजनीति करार देते हुए कहा कि इस तरह से दलितों की दशा और दिशा में कोई सुधार नहीं होगा| उन्होंने कहा कि राजनीतिक वर्ग को पिछड़े समुदाय को कृपा दिखाने से बचना चाहिए| दलितों के घरों पर नेताओं के खाना खाने से छुआछूत दूर नहीं होगी| पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा सही है जबकि अप्रिय घटनाओं की रिपोर्टे उनके काम पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं|राम विलास पासवान ने ऐसे नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि आप किसी के घर पर भोज कर सकते हैं लेकिन आप उनपर कृपा नहीं बरसा सकते हैं जैसे भगवान राम ने शबरी के घर पर भोजन किया था| यह गलत है| हम राजनीति में लंबे अरसे से हैं और कई लोगों के घरों में भोजन किया है लेकिन किसी की जाति नहीं पूछी| इसके बजाय उनकी मूल समस्याओं को हल करने की कोशिश होनी चाहिए जैसे शिक्षा की कमी, अत्याचार और विकास|
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