आज से ‘बात बिहार की’ कार्यक्रम शुरू करेगें प्रशांत किशोर.
सिटी पोस्ट लाइव : देश के जानेमाने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) अब बिहार में एक नया राजनीतिक प्रयोग करने जा रहे हैं. दिल्ली में केजरीवाल (Kejriwal) सरकार की प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी कराने में सफल रहने के बाद पटना में 18 फ़रवरी को प्राशांत अपनी आगे की रणनीति का खुलासा कर चुके हैं.अबतक अपनी चुनावी रणनीति का लोहा मनवा चुके प्रशांत किशोर आज 20 फरवरी से एक नया कार्यक्रम ‘बात बिहार की’ शुरू करने जा रहे हैं.
प्राशांत किशोर ने यह साफ़ कर दिया है कि इसबार वो बिहार में किसी गठबंधन या किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ने जा रहे हैं.जेडीयू से बर्खास्त होने के बाद मंगलवार को मीडिया के सामने आए पीके ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार के कामकाज पर जमकर निशाना साधा. प्रशांत किशोर ने कहा कि, ‘बिहार में नीतीश कुमार ने छात्रों को साइकिल बंटवाई, स्कूल बनवाए लेकिन शिक्षा व्यवस्था अच्छी नहीं हुई. कई तरह के समझौते करने के बाद भी बिहार में वैसा विकास नहीं हुआ, जैसा होना चाहिए था. नीतीश जी ने पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए मांग की थी, इस पर केंद्र की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. मैं बिहार को आगे लेकर जाने के लिए जो भी जरूरत होगी करूंगा, इसमें कितना भी वक्त लगे, मैं दूंगा.’
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका नीतीश कुमार से दो बातों पर खास मतभेद रहे हैं. सीएम नीतीश, गांधी, लोहिया और जेपी (जय प्रकाश) की बातों को मानने की बातें करते रहे हैं. जब वो ऐसी बातें करते हैं तो वो गोडसे की विचारधारा के साथ कैसे खड़े हैं. दोनों बात नहीं होनी चाहिए इस बात को लेकर मेरे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में विचार-विमर्श होते रहे हैं.
इसके साथ ही तल्ख तेवर में प्रशांत ने कहा कि, नीतीश कुमार, बिहार को विकसित राज्य नहीं बना पाए. मैं बिहार में लंबे समय तक रहूंगा और 2020 से ‘बात बिहार की’ नाम से नया कार्यक्रम शुरू करुंगा. युवाओं को जोड़ूंगा, जो बिहार के विकास के लिए काम कर सकें.
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार आज भी देश के सबसे गरीब राज्यों के रूप में सबके सामने है.वर्ष 2005 से लेकर 2015 का डेटा देखने पर पता चलता है कि राज्य अभी भी वहीं खड़ा है. बिहार में पिछले 15 वर्षों में विकास हुआ है, लेकिन विकास के अधिकतर मानकों पर बिहार अभी भी पिछड़ा है.प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को विकसित 10 राज्यों की सूची में लाने के लिए प्रति व्यक्ति आया में आठ गुना बढ़ोतरी करने की जरुरत है.