प्रशांत किशोर की BJP से मांग और BJP समर्थक JDU के नेताओं से सवाल.
सिटी पोस्ट लाइव : JDU के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पार्टी के बड़े नेता आरसीपी सिंह के चुनावी नारे को खारिज कर दिया है.” 15 साल बनाम 15 साल” के जेडीयू के चुनावी नारे को पुरानी बात बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा है कि चुनाव सिर्फ पुरानी बातों पर नहीं लड़ा जाता.गौरतलब है कि आरसीपी सिंह के चुनावी नारे में लालू राबडी के 15 साल और नीतीश कुमार के 15 साल के शासन का हवाला दिया गया है.लालू राबडी शासन की तुलना गिद्ध से तो नीतीश कुमार के शासन को शान्ति के प्रतिक कबूतर बताया गया है.
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रशांत किशोर ने सीटों के बंटवारे को लेकर अभी से बीजेपी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार एनडीए में जेडीयू सबसे बड़ी पार्टी है और वो आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी से ज्यादा सीटों पर चुनाव लडेगी.जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के फ़ॉर्मूला विधानसभा में में लागू नहीं हो सकता. लोक सभा चुनाव मोदी के नाम पर लड़ा गया था लेकिन विधान सभा चुनाव नीतीश कुमार के नाम पर लड़ा जाएगा. नीतीश कुमार के नाम पर वोट मिलेगा.प्राशांत किशोर ने जोर देकर कहा कि जेडीयू के बीजेपी के बराबर बराबर सीटों पर लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता.
प्रशांत किशोर ने कहा कि वो नहीं जानते कि एलजेपी कितनी सीटों पर लडेगी लेकिन ये तय है कि अगर बीजेपी 80 सीटों पर चुनाव लडेगी तो जेडीयू 104 सीटों पर चुनाव लडेगा.दरअसल प्रशांत किशोर का कहना है कि वो सीटों की संख्या नहीं बता रहे हैं.वो सीटों के बटवारे का अनुपात बता रहे हैं.उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में बीजेपी 100 सीटों पर चुनाव लड़ी थी तो जेडीयू 141 सीटों पर चुनाव लड़ा था. यहीं फ़ॉर्मूला आगे भी लगी होगा. एक दो सीटें कम ज्यादा हो सकती हैं लेकिन बराबर बराबर सीटों पर लड़ने का सवाल ही नहीं उठता.
प्रशांत किशोर हर हाल में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने के पक्षधर पार्टी के नेताओं को भी चुनौती दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी के किसी नेता को लगता है कि जेडीयू बिहार में बीजेपी से छोटी पार्टी है तो सामने आकर बोले.उन्होंने कहा कि जो लोग हर हाल में बीजेपी के साथ बने रहने के पक्ष में हैं आगे आकर बोलेन कि जेडीयू बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लडेगा.प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार से बड़ा नाम कोई नहीं है.उनके नाम पर ही लड़ाई होनी है इसलिए बीजेपी से ज्यादा सीटों पर लड़ने का उसका हक़ बनता है और इसे कोई नहीं छीन सकता.
गौरतलब है कि बीजेपी की योजना 40 से 43 सीटें एलजेपी और सहयोगी दलों को देने की है और बाकी बची सीटों पर जेडीयू के साथ बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का है.लेकिन प्रशांत किशोर इस फ़ॉर्मूला को सिरे से खारिज करते हैं.उनका कहना है कि सहयोगी दलों को सीटें देने के बाद जो सीटें बचेगीं, उसमे उसी अनुपात में बटवारा होगा जिस अनुपात में अबतक होता रहा है.उदहारण देते हुए वो समझाते हैं कि अगर बीजेपी 80 सीटों पर चुनाव लडती है तो जेडीयू लगभग 104 सीटों पर चुनाव लडेगा.