पटना में आरक्षण पर सियासी बवाल, लोजपा नेताओं ने राजद नेताओं के पोस्टर पर पोती कालिख

City Post Live - Desk

पटना में आरक्षण पर सियासी बवाल, लोजपा नेताओं ने राजद नेताओं के पोस्टर पर पोती कालिख

सिटी पोस्ट लाइवः केन्द्र सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर सियासी बवाल मचा हुआ है। पटना में आज लोक जनशक्ति पार्टी के छात्र नेताओं ने राजद नेताओं के पोस्टर पर कालिख पोती। छात्र लोजपा द्वारा आज पटना के आयकर गोलंबर पर सवर्ण आरक्षण का विरोध करने वाले राजद नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्र लोजपा नेता कृष्णा कुमार कल्लू ने कहा कि आरक्षण का विरोध करने वाले राजद नेता दोहरी नीति अपना रहे हैं। राजद के सवर्ण नेताओं को राजद का साथ छोड़ देना चाहिए क्योंकि राजद सवर्ण विरोधी है, सवर्ण आरक्षण बिल के सामने आने के बाद यह सच्चाई भी सामने आ गयी है। छात्र लोजपा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्यसभा सांसद मीसा भारती और मनोज झा के पोस्टर पर कालीख पोती। उधर बिहार के पूर्व सीएम मांझी ने कहा है कि गरीब सवर्णों को कम से कम 15 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए था।

पूर्व सीएम ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सवर्णों को 10 प्रतिशत का लाॅलीपाॅप थमाया है। पूर्व सीएम ने कहा कि गरीब सवर्णों को कम से कम 15 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। सिटी पोस्ट लाइव के एडिटर इन चीफ श्रीकांत प्रत्युष से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का क्या औचित्य है कम से कम उन्हें 15 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए।उन्होंने कहा कि आरक्षण की सीलिंग भी बढ़नी चाहिए। 49 प्रतिशत की सीलिंग को बढ़ा कर 90 प्रतिशत किया जाना चाहिए ताकि सवर्णों को 15 फीसदी, एससी-एसटी को 35 फीसदी और ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण दिया जा सके। अगर 10 प्रतिशत के लिए संविधान में संशोधन हो सकता है तो 90 प्रतिशत के लिए क्यों नहीं? पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि केन्द्र सरकार जातीय जनगणना की रिपोर्ट क्यों नहीं प्रकाशित करती, अगर जातीय जनगणना की रिपोर्ट प्रकाशित होती तो जाति के आधार पर आरक्षण में लोगों को उनकी हिस्सेदारी मिलती।

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