मोदी की फसल बिमा योजना को रिजेक्ट कर नीतीश ने शुरू की अपनी बिमा योजना

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नीतीश का बड़ा सियासी दावं : मोदी नहीं नीतीश के रहमो-करम पर निर्भर बिहार के किसान नीतीश कुमार के इस फैसले को किसानों को रिझाने के एक बड़े सियासी चाल के रूप में देखा जा रहा है..मतलब अब बिहार में और कोई भी दूसरी फसल बिमा योजना नहीं चलेगी .यानी पीएम नरेन्द्र मोदी की फसल बीमा योजना से बिहार के किसानों का कोई लेनादेना नहीं रहेगा. यह योजना खरीफ 2018 मौसम से ही आरंभ हो गई है. यानी खरीफ में नुकसान हुए फसल के लिए किसानों को मार्च में तथा रबी के नुकसान की राशि सितंबर में उपलब्ध हो जाएगी.

सिटी पोस्ट लाईव :बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में एक ऐसा अहम् फैसला हुआ है जिसका दूरगामी राजनीतिक परिणाम हो सकता है.कैबिनेट के फैसले में सबसे महत्वपूर्ण फैसला है किसानों के लिए ‘राज्य फसल सहायता योजना’ को मंजूरी देने का . इस योजना के तहत अब बिहार के किसान अपनी फसल के बीमा के लिए निशुल्क रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.सबसे ख़ास बात इस फसल बीमा के लिए  कोई अतिरिक्त प्रीमियम उन्हें नहीं देना पड़ेगा .फसल कटाई प्रयोग के आधार पर फसल का नुकसान का आकलन किया जाएगा.

नीतीश कुमार के इस फैसले को किसानों को रिझाने के एक बड़े सियासी चाल के रूप में देखा जा रहा है..मतलब अब बिहार में और कोई भी दूसरी फसल बिमा योजना नहीं चलेगी .यानी पीएम नरेन्द्र मोदी की फसल बीमा योजना से बिहार के किसानों का कोई लेनादेना नहीं रहेगा. यह योजना खरीफ 2018 मौसम से ही आरंभ हो गई है. यानी खरीफ में नुकसान हुए फसल के लिए किसानों को मार्च में तथा रबी के नुकसान की राशि सितंबर में उपलब्ध हो जाएगी. किसानों के फसल नुकसान पर सरकार अब सीधे उन्हें सहायता उपलब्ध कराएगी. सहायता राशि सीधे किसानों के बैंक  खाते में पहुंचेगी.

बिहार कैबिनेट के इस बड़े फैसले के बारे में जानकारी देते हुए सहकारिता विभाग के सचिव अतुल प्रसाद और पूर्व प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने मीडिया को बताया कि इस सहायता राशि के अतिरिक्त किसानों को इनपुट सब्सिडी व डीजल अनुदान योजना का भी लाभ मिलेगा.

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