सिटी पोस्ट लाइव : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट सामने आ गयी है। बिहार विधानसभा में सदन के पटल पर रिपोर्ट गुरुवार को रखा गया। जिसमें भारी गड़बड़िया और अनियमितता उजागर हुई है। रिपोर्ट पर शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्ष के द्वारा बवाल तय माना जा रहा है ।
CAG रिपोर्ट में भारी वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर हुआ है। वहीं CAG ने अप्रैल 2018 से फरवरी 2020 तक में 629 मामलों का पता लगाया है, जिसमें सरकार को 3658.11 करोड़ रुपए राजस्व की हानि हुई है। नीतीश सरकार ने स्वीकार किया है कि अप्रैल 2018 से फरवरी 2020 तक 1336.65 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट में 31 मार्च 2019 को समाप्त हुए वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में गंभीर वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड ने कई स्तर पर गड़बड़ी की, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ है।
पटना के लोहिया पथ चक्र में सरकार को अतिरिक्त नुकसान हुआ है, वो भी सरकार के गलत निर्णयों के कारण।
CAG की रिपोर्ट में लोहिया पथ चक्र परियोजना में भी भारी गड़बड़ी का खुलासा किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि लोहिया पथ चक्र परियोजना के लिए कंपनी द्वारा 16.90 करोड़ जिसमें डिजाइन के लिए 6.04 करोड़ और पर्यवेक्षण सलाहकार के लिए 10.86 करोड़, परियोजना निधि पर गलत तरीके से भारित (दिसंबर 2019) किया गया। उस पर 1.52 करोड़ सेंटेंस के रूप में दर्ज किया गया, जिसके फलस्वरूप राजकोष पर 18.42 करोड़ का भार पड़ा।
लेखा परीक्षक ने 629 मामलों में 3658.11 करोड़ के राजस्व हानि का पता लगाया है। संबंधित विभागों ने 1648 मामलों में 1336.65 करोड़ के अवनिर्धारण व अन्य त्रुटियों को स्वीकार किया है। इसमें से 366.27 करोड़ के 55 मामले 2018-19 के दौरान तथा शेष पूर्ववर्ती वर्षों में इंगित किए गए थे। सरकारी विभागों ने 196 मामलों में 8.90 करोड़ की वसूली अप्रैल 2018 व अप्रैल 2020 के मध्य किया।
CAG ने वित्तीय वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट में कई विभागों में अनियमितता को दर्शाया है। जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से 2019 के बीच 26 से 36 फीसदी लोगों ने मनरेगा के लिए काम मांगा, लेकिन महज 1 से 3 फीसदी मनरेगा मजदूरों को 100 दिन का रोजगार मिला है।