माकपा नेता येचुरी ने कहा-अफसोस है कि नीतीश कुमार बीजेपी की शरण में चले गए. वे बीजेपी के साथ नहीं गए होते, तो 2019 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा होते.
सिटी पोस्ट लाईव :माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने केंद्र में एनडीए सरकार के चार साल पूरे होने पर कहा कि अगर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ नहीं गए होते तो इसबार महागठबंधन के पीएम उम्मीदवार होते. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े सवाल पर कहा कि नीतीश ने विपक्ष को धोखा दिया है. अफसोस है कि नीतीश कुमार बीजेपी की शरण में चले गए. वे बीजेपी के साथ नहीं गए होते, तो 2019 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा होते.
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि या उपचुनाव के नतीजों के बाद केंद्र की मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है.मोदी सरकार ने अड़तालिस माह में ऐसा कुछ नहीं किया जिससे देश और जनता का भला हो.उन्होंने आगे कहा कि महंगाई बेलगाम है तो युवाओं में घोर निराशा है. अब भाजपा को सत्ता से हटाना है. बीजेपी विरोधी वोट को एकजुट रखने के लिए लोकसभा चुनावों में किसी भी दल से समझौता किया जा सकता है.
येचुरी ने कहा कि चार साल में जनता से किया एक भी वादा वर्तमान सरकार ने पूरा नहीं किया. दो करोड़ युवाओं को हर साल रोजगार देने की बात भूल गए, उल्टे बेरोजगारी बढ़ा दी. देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन सरकार हरित क्रांति लाने की बात कर रही है. महंगाई की मार से कई दशक बाद लोगों की आमदनी घट रही है. मध्यम वर्ग पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है. पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था ही चौपट नहीं हुई, बल्कि लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है.
युचुरी ने आरोप लगाया कि पैसे लेकर भागने वालों की सरकार मदद कर रही है. गोरक्षा के नाम पर देश में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. नफरत का वातावरण बना दिया गया है. जन आंदोलन को मजबूत करना है. वामपंथी जनवादी ताकत मोदी सरकार को हटाने में सफल होगी.सीताराम येचुरी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यकम में शामिल होने से जुड़े सवाल पर कहा कि मुझे आरएसएस के कार्यक्रम में जाने के लिए बुलाया जाता, तो किसी हालत में नहीं जाता. प्रणब दा पुराने कांग्रेसी हैं फिर पता नहीं, आरएसएस के कार्यक्रम में क्यों चले गए ? आरएसएस को कांग्रेस ने तीन बार प्रतिबंधित किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस की गतिविधि देश और समाज के हित में नहीं हैं. अपने भाषण में भी प्रणब दा ने महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र नहीं किया