सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने आदिवासी पहचान एवं परंपरा से जुड़े मुद्दे पर शुक्रवार को बिंदुवार राज्य सरकार को सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि आदिवासियों की सांस्कृतिक विस्थापन पर रोक लगाना, झारखंड के आदिवासी इलाकों में सरकारी विद्यालयों के आदिवासी भाषाओं को शिक्षा का माध्यम के रूप में मान्यता प्रदान करना और उसे लागू करना। स्कूल कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम और पुस्तकों में आदिवासी इतिहास को सही रूप से प्रस्तुत करना।
झारखंड आंदोलनकारी शहीदों का स्मारक स्थल का निर्माण कराना। झारखण्ड राज्य विस्थापित, प्रभावित, आयोग का गठन करे सरकार। सार्वजनिक पार्कों, चौराहों, सड़कों इमारतों, कॉलेज, विश्वविद्यालयों का नामकरण आदिवासी वीरों के नाम पर करना।महान कोल विद्रोह 1831-32 के स्मरण में 20 दिसंबर को कोल दिवस के रूप में घोषित करना। रुगदा मुंडा और कोन्ता मुंडा के महान तमाड़ विद्रोह 1820 के याद में वर्ष 2021 को द्वितीय शताब्दी वर्ष मनाने की कृपा की जाए।
रुगदा मुंडा एवं कोन्ता मुंडा की मूर्ति की स्थापना राजधानी के प्रमुख स्थान एवं तमाड़ और खूंटी में किया जाए। ”हो” जनजातियों के 1821 के टोटो नदी के तट पर अंग्रेजों पर विजय के याद में वर्ष 2021 को द्वितीय शताब्दी वर्ष के रूप में मनाने की कृपा की जाए।इस विजय की याद में रांची, चाईबासा एवं अन्य स्थान पर स्मारक बनाया जाए। 2031-32 को छोटानागपुर के महान कोल विद्रोह 1831- 32 का 200 वां वर्ष पूरा होगा।
इस महान विद्रोह की द्वितीय शताब्दी वर्ष को शान-शौकत से मनाने के लिए एक समिति का गठन किया जाए जो अभी से महान कोल विद्रोह के विभिन्न नायक, नायिकाओं की पहचान एवं वैसे सभी स्थानों की पहचान कर सकें, जहां इस विद्रोह के दौरान आदिवासियों ने युद्ध लड़े थे। 1832-33 को छोटानागपुर के भूमिजों ने अंग्रेजों के विरोध में विद्रोह किया था। इस विद्रोह के याद में द्वितीय शताब्दी वर्ष मनाया जाए।