लाॅकडाउन में कई माननीयों की पदवी छिनी, 17 एमएलसी का कार्यकाल समाप्त
सिटी पोस्ट लाइवः कोरोना संकट का असर सियासत पर भी पड़ा है। पहले महाराष्ट्र से यह खबर आयी कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी खतरे में है क्योंकि मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनका विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य होना जरूरी है। लाॅकडाउन की वजह से विधान परिषद का चुनाव नहीं हो सकता इसलिए एक बड़ा सियासी संकट उनके सामने है। अब बिहार से भी खबर है। बिहार में विधान परिषद के 17 सदस्यों का कार्यकाल आज समाप्त हो गया है। लाॅकडाउन की वजह से विधान परिषद का चुनाव नहीं हो पाया और सरकार के कई मंत्री समेत पक्ष और विपक्ष के कई एमएलसी पूर्व एमएलसी हो गये। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चैधरी और नीरज कुमार आज से पूर्व विधान पार्षद हो जायेंगे.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारूण रशीद भी आज से विधान परिषद के माननीय सदस्य नहीं रह जायेंगे.बिहार सरकार में मंत्री अशोक चैधरी और नीरज कुमार समेत बिहार के 17 विधान पार्षदों का कार्यकाल आज समाप्त हो जायेगा. हालांकि किसी सदन के सदस्य न रहने के बाद भी नीरज कुमार और अशोक चैधरी मंत्री बने रहेंगे. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत कोई व्यक्ति किसी सदन का सदस्य न रहने के बावजूद 6 महीने तक मंत्री पद पर बना रह सकता है.
हालांकि इस अवधि में उसे किसी सदन का सदस्य बनना होगा. 6 महीने में किसी सदन का सदस्य नहीं बनने पर मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है. संविधान की इस व्यवस्था के तहत नीरज कुमार और अशोक चैधरी मंत्री पद पर बने रहेंगे. हालांकि विधान पार्षद के तौर पर मिलने वाली सुविधायें नहीं मिलेंगी.