प्रियंका तिवारी.
सिटीपोस्टलाइव: बहुत कम समय में बीजेपी में अपने लिए ख़ास जगह बनाने में कामयाब रहे फिल्म अभिनेता मनोज तिवारी अब अपनी ही पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के आँख की किरकिरी बन गए हैं. बीजेपी ने उन्हें दिल्ली का अध्यक्ष बनाकर अचानक उनके राजनिक कद को बढ़ा दिया ,जो पार्टी के पुराने नेताओं को बहुत खटक रहा है.वैसे मनोज तिवारी को इन नेताओं से कोई ख़ास खतरा नहीं है .इसके पहले भी पार्टी के बड़े नेता विजय गोएल के साथ उनकी ठन चुकी है.पिछले साल मई महीने में पूर्व पार्टी अध्यक्ष विजय गोयल ने जब एमसीडी चुनाव में जीतनेवाले पार्टी पार्षदों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था ,मनोज तिवारी ने पार्षदों को कार्यक्रम में जाने से रोक दिया था.यहीं से पार्षदों के दो खेमों में बंट जाने की शुरुवात हो गई थी.
मनोज तिवारी विरोधी खेमे के पार्टी एक नेता का कहना है कि मनोज तिवारी ने दोस्त से ज्यादा दुश्मन बना लिए हैं.पार्टी आलाकमान भी उनसे खुश नहीं है. मनोज के विरोधी आलाकमान की इस नाराजगी का फायदा उठाकर मनोज को अध्यक्ष पद से हटवाने की मुहीम में जुट गए हैं.इस मुहीम में बीजेपी के कई बड़े नेता भी शामिल हो गए हैं .दरअसल दिल्ली बीजेपी कई खेमों में बंट गई है जिसमे दो खेमा खास है .एक खेमा मनोज तिवारी का है तो दूसरा वरीय बीजेपी नेता बिजेंद्र गुप्ता का.मनोज और बिजेंद्र के बीच छतीस का रिश्ता है और एक पार्टी में होने के वावजूद वो बिरले ही साथ नजर आते हैं.मनोज तिवारी के विरोधी इस खबर को जोर शोर से फैला रहे हैं कि पार्टी आलाकमान मनोज से नाराज है और दिल्ली अध्यक्ष पद से उन्हें जल्द ही हटाया जाएगा.
मनोज तिवारी के खिलाफ पार्टी के अन्दर इस तरह का माहौल पहलीबार नहीं बना है.पहले भी उनके विरोधी इस तरह का माहौल बनाते रहे हैं .मनोज तिवारी को पार्टी अध्यक्ष पद पर बिठाना तो पार्टी आलाकमान के लिए अभूत आसान था लेकिन अब उन्हें अध्यक्ष पद से हटाना बहुत आसान नहीं है क्योंकि दिल्ली और एनसीआर में रहनेवाले लाखों बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के दिल में उनके लिए ख़ास जगह है.