लोहरदगा विधानसभा सीट राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: लोहरदगा विधानसभा सीट राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। इस सीट को जीतने के लिए भाजपा, आजसू और विपक्षी गठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के बीच मुकाबला, आजसू पार्टी की नीरू शांति भगत ने मुकाबले को बनाया त्रिकोणीय बना दिया है। झारखंड में पहले चरण में 30 नवंबर को 13 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है। इस चरण में सबसे हॉट सीट माने जाने वाली लोहरदगा विधानसभा सीट पर सबकी नजर बनी हुई है। भाजपा-आजसू के बीच गठबंधन टूटने में लोहरदगा विधानसभा सीट भी एक प्रमुख कारण था, वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के बीच भी मनमुटाव बढ़ने का प्रमुख कारण भी यही सीट माना जा रहा है। लोहरदगा के विधायक और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत ने चुनाव की तिथि की घोषणा होने के कुछ ही दिन पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली, जबकि वर्ष 2014 में इस सीट पर आजसू पार्टी ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में आजसू पार्टी इस सीट पर भाजपा के लिए अपना दावा छोड़ने की कतई तैयार नहीं थी। वर्ष 2009 और 2014 में चुनाव जीतने वाले आजसू पार्टी के कमल किशोर भगत की सदस्यता समाप्त हो जाने के बाद वर्ष 2015 में विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद उनकी पत्नी नीरू शांति भगत पिछले कई महीनों से चुनाव की तैयारियों में जुटी थी, लेकिन जब मुख्यमंत्री सुखदेव भगत के लिए इस सीट को लेकर अड़ गये तो भाजपा का आजसू पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया। इससे पहले कांग्रेस में रहने के दौरान सुखदेव भगत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव के बीच मतभेद बढ़ते गये थे। रामेश्वर उरांव के अध्यक्ष बनने के बाद सुखदेव भगत को यह भय सताने लगा कि लोहरदगा से उनका टिकट कट सकता है, इस कारण समय रहते उन्होंने पाला बदल लिया। अब 30 नवंबर को होने वाले चुनाव को लेकर भाजपा उम्मीदवार के रूप में सुखदेव भगत, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और आजसू पार्टी की नीरू शांति भगत आमने-सामने है।
लोहरददगा का ऐतिहासिक महत्व
इतिहास में यह इलाका लोहा गलाने का बड़ा केंद्र था इसलिए इसका नाम लोहरदगा पड़ा। यह विधानसभा इलाका वनों – झरनों से आच्छादित है, जैन पुराणों के अनुसार भगवान् महावीर का भ्रमण भी इस इलाके में हुआ था, राजाओं के महलों के अवशेष इस निर्वाचन इलाके के ऐतिहासिक महत्त्व को बयान करते हैं।
2.44 लाख मतदाता करेंगे मताधिकार का प्रयोग
लोहरदगा विधानसभा सीट के लिए कुल 2.44 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिसमें से 1.23 लाख पुरुष और 1.21 लाख महिला शामिल हैं। इनमें से 6205 मतदाताओं की उम्र 18 से 19 वर्ष के बीच है।