सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने जदयू के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतार नीतीश कुमार को पानी-पानी कर दिया. NDA में बड़े भाई की भूमिका में रहने वाली जदयू छोटे भाई की भूमिका में आ गई. ऐसा इसलिए क्योंकि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने संगठन को और मजबूत करना चाहते थे. वो बताना चाहते थे कि पार्टी सिर्फ गठबंधन में रहकर ही नहीं अपने बूते अच्छी सफलता पा सकती है. बहुत हद तक चिराग अपनी मंशा में कामयाब भी हुए, हालंकि जीत सिर्फ उन्हें एक ही सीट पर मिली लेकिन जो नुक्सान उन्होंने जदयू का किया, उससे जदयू काफी नाराज है.
अब चिराग पासवान अपनी पार्टी की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने रोडमैप तैयार करना शुरू भी कर दिया है. ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि चिराग की पार्टी लोजपा अब पश्चिम बंगाल और असम में भी विधानसभा चुनाव लड़ेगी. शनिवार को पार्टी के प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक ने इस बात की घोषणा की. उन्होंने कहा कि राज्य इकाइयों से विचार करने के बाद हमने ये निर्णय लिया है। इससे पार्टी को बढ़ाने और मजबूत करने में मदद मिलेगी।’
बता दें बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी को सिर्फ 43 सीटों पर जीत मिली थी और जदयू राज्य में राजद और भाजपा के बाद तीसरे नंबर की पार्टी बन गई. पार्टी के इस प्रदर्शन के लिए जदयू के नेताओं ने कई बार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर चिराग पासवान को जिम्मेदार ठहराया. पूरे चुनाव अभियान के दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए। अब लोजपा असम और बंगाल चुनाव में ताल ठोकने जा रही है। जदयू पहले ही पश्चिम बंगाल में 75 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में ये कहना कि चिराग वहां भी जदयू का खेल बिगड़ सकती है, गलत नहीं होगा.