सिटीपोस्टलाईव:अचानक पप्पू यादव का लालू प्रेम उमड़ पड़ा है लेकिन लालू यादव हैं कि उनका नोटिस ही नहीं ले रहे.लालू यादव को एम्स दिल्ली से जबरन रांची रिम्स भेजे जाने के बाद पप्पू यादव ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर लालू यादव के साथ हो रहे अन्याय को रोकने की अपील की थी.अपने इस पत्र में पप्पू यादव ने जमकर लालू यादव का गुणगान किया था.उनके सामाजिक योगदान और बतौर रेल मंत्री उनकी उपलब्धियों का बखान किया था.
हमेशा लालू यादव के खिलाफ मोर्चा खोले रहनेवाले पप्पू यादव के इस बदले रवैये को लेकर राजनीतिक गलियारे में एकबार फिर से चर्च शुरू हो गई थी कि क्या पप्पू यादव फिर से लालू यादव के साथ जाने की तैयारी में हैं.क्या पप्पू यादव को अब ये लगने लगा है कि लालू यादव का विरोध करके यादवों का वोट बिहार में ले पाना मुश्किल है ? कारण जो भी पप्पू यादव के इस बदले रवैये के बाद ये उम्मीद की जा रही थी कि तेजप्रताप की शादी के बहाने पप्पू यादव एकबार फिर से लालू यादव के साथ खड़े नजर आयेगें.हो भी क्यों नहीं,जब लालू यादव अपने कट्टर विरोधी और अपने परिवार को बड़े संकट में डालनेवाले सुशिल मोदी को आमंत्रित कर सकते हैं और इतनी देर तक नीतीश कुमार का हाथ पकड़कर रख सकते हैं,फिर पप्पू यादव को शादी में क्यों नहीं आमंत्रित कर सकते ? जबाब लालू यादव के करीबी विधायक भोला यादव के पास है.भोला यादव कहते हैं-“ विरोधी अगर विरोध करे और संकट में डाले तो बात समझ में आती है लेकिन जब कोई अपना ऐसा करे तो उसे माफ़ करना बहुत मुश्किल होता है “.
सवाल लाजिमी है कि क्या पप्पू यादव लालू यादव के साथ आना चाहेगें तो लालू यादव उन्हें मन कर देगें ? क्या लालू यादव को असा लगता है कि पप्पू यादव उनके यादव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए घडियाली आंसू बहा रहे हैं ? बड़ा सवाल ये भी है कि लालू यादव के साथ जाने का रास्ता एकदम बंद हो जाने के बाद पप्पू यादव क्या एनडीए पर चुनाव में कोई दबाव बना पाने की स्थिति में होंगें ? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि लालू यादव के बाद पप्पू यादव में ही यादवों का नेत्रित्व करने की क्षमता है इसलिए लालू यादव उन्हें साथ लाकर राजनीतिक ब्रेक देकर अपने बेटों के पैर पर कुल्हाड़ी नहीं मारना चाहेगें .
लालू प्रसाद द्वारा अपने बेटे तेजप्रताप यादव की शादी में निमंत्रण नहीं दिए जाने पर पप्पू यादव ने रविवार को कहा कि मैं यादव नहीं हूं. मेरी पैदाइश इंसान में हुई है. लालू प्रसाद यादव को खोज के ही शादी का निमंत्रण दे सकते हैं या फिर जिससे उनको फायदा हो. मैं तो रंक हूं और एक इंसान हूं. मुझे निमंत्रण देना या नहीं देना लालू यादव को फैसला है. हालांकि बेटे की शादी के शुभ अवसर पर मैं उनके परिवार को बधाई देता हूं.