शिक्षाविद कन्हैया सिंह ने कहा- ‘शुक्र मनाइए कि आप नीतीश के राज में हैं

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शिक्षाविद कन्हैया सिंह ने कहा- ‘शुक्र मनाइए कि आप नीतीश के राज में हैं

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के जाने-माने शिक्षाविद कन्हैया सिंह जेडीयू से बिहार के युवाओं को जोड़ने के अभियान की कमान संभाल ली है. उन्होंने बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष के हंगामे का जबाब दिया है. उन्होंने कहा कि  आप आज बिहार में आप रात दो बजे भी कहीं भी आने-जाने में नहीं हिचकते क्‍योंकि नीतीश कुमार के राज में हैं. कन्‍हैया सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के राजनीतिक आलोचक चाहे जो भी कहें क्या उनके पास इस सवाल का जबाब नहीं है कि क्या 2005 के पहले वाले बिहार में फिर से रहना चाहेंगे?

2005 के पहले के दिनों की याद करते हुए कन्हैया सिंह ने कहा सुबह घर से निकालने पर शाम को घर लौटने की गारंटी नहीं थी. जो भी अपने टैलेंट और श्रम से थोड़ा पैसा कमाता था, गूंगे उसके पीछे लग जाते थे. कब कहाँ उठा लेगा, गोली मार देगा, धमकी दे देगा कोई नहीं जानता था. सभी टीचर और डॉक्‍टर की जान खतरे में थी. पांच-छह गनमैन लेकर चलना पड़ता था. बच्चे स्कूल जाते थे तो घरवालों की तबतक साँसें अटकी रहती थी जबतक बच्चे घर नहीं लौट जाते थे. कन्हैया सिंह ने कहा कि 2005 में बिहार की बागडोर नीतीश कुमार के हाथ में आते ही तस्वीर बदल गई. तीन महीने में बिहार की कानून व्वस्था की चर्चा देश दुनिया में होने लगी.

बढ़ते अपराधिक वारदातों पर सफाई देते हुए कन्हैया सिंह ने कहा कि किसी देश में राम राज्य नहीं है. अपराध तो होते रहेगें लेकिन सरकार कारवाई करती है या नहीं, ये महत्वपूर्ण है. नीतीश कुमार किसी अपराधी को नहीं बचाते. अपराधी को छोड़ने के लिए थाने में फोन नहीं करते.नीतीश कुमार न तो अपराध और न ही अपराधी से समझौता करते हैं. कन्हैया सिंह राजनीति में आने की वजह बताते हुए कहते हैं कि  राजनीति तभी सुधरती है, जब अच्‍छे लोग आते हैं. नीतीश कुमार मुझे अच्‍छे लगे, इसलिए उनके साथ जुड़ गया हूं .

गौरतलब है कि  के सिंह के नाम से मशहूर कन्‍हैया सिंह बिहार के जाने-माने आईआईटी गुरु हैं. केमिस्‍ट्री के लिए देश भर में जाने जाते हैं. सफर की शुरुआत आरा की और आज देश के हर कोने में इनके शिष्य इनकी योग्यता के परचम लहरा रहे हैं. कैंब्रिज से लेकर ऑक्‍सफोर्ड तक  कन्‍हैया सिंह के शिष्‍य छाये हुए हैं. विजन क्‍लासेज के नाम से के सिंह ने बिहार को पहला व्‍यवस्थित आईआईटी तैयारी संस्‍थान दिया, जिसने कोटा के संस्‍थानों से मुकाबला किया . वे स्‍वयं कोटा तब गए थे, जब कोटा आईआईटी-मेडिकल में जाने वाले छात्रों की तैयारी के लिए तैयार हो रहा था .

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