सिटी पोस्ट लाइव, रांची: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि कोरोना संक्रमण का रट लगाकर हेमंत सोरेन की सरकार कब तक चेहरा छुपाएगी. कोई मौका खाली नहीं जाता जब राज्य के मुखिया कहते हैं कि कोरोना का दौर निकल जाएगा, तो राज्य को विकास के रास्ते पर ले जाएंगे. हकीकत यह है कि यह कोई पहली दफा नहीं है, जब झामुमो-कांग्रेस ने झारखंडी जनता और भावना को धोखा दिया है. इसका लंबा रिकॉर्ड रहा है. पाकुड़ विधानसभा के राजवाड़ी कोटालपोखर में आयोजित आजसू पार्टी के विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में सुदेश कुमार महतो ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. और कहा कि विपक्ष की भूमिका में आजसू पार्टी राज्य की मजबूती से पहरेदारी करेगी. अगर विपक्ष चुप रहा, तो सरकार बेलगाम हो जाएगी.
गांव की सरकार अफसरों के हवाले
आजसू प्रमुख ने कहा कि पंचायत चुनाव नहीं कराए जाने से गांव की सरकार अफसरों के हवाले कर दी गई है. जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा का ध्येय और नारे के साथ गद्दी पर आए झामुमो-कांग्रेस राज में बालू, पत्थर और खनिज संपदा की लूट मची है. राज्य में उद्योग बंद हो रहे हैं, लेकिन ट्रांसफर-पोस्टिंग का उद्योग पनप रहा है.
संविदा और मानदेय कर्मियों के स्थायीकरण का वादा करने वाले धरना-प्रदर्शन कर रहे झारखंडी युवाओं पर आए दिन राजधानी रांची में लाठिया बरसाई जा रही है. धरने पर बैठे युवाओं को आधी रात पीटा-खदेड़ा जाता है. पारा टीचर फिर आंदोलन की राह पर उतर आए हैं. पलामू, दुमका, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में एडमिशन रूका पड़ा है. उन्होंने कहा कि यहां अबुआ राज नहीं बल्कि बाबुओं का राज है. महागठबंधन सरकार में भू-माफियाओं, बालू माफियाओं और लकड़ी माफियाओं का राज है चल रहा है. बिचौलिएं और सरकार के लोग मालामाल हो रहे हैं. जनता का हाल बुरा है.
7 लाख प्रवासी मजदूरों का रिकॉर्ड बताएं
आजसू प्रमुख ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सात लाख वापस आए राज्य के प्रवासी मजदूरों के बारे में सरकार रिकॉर्ड सार्वजनिक करे, कि वे किन हालात में हैं और कहां हैं. लौटे युवाओं को सरकार ने कहां और क्या रोजगार दिए हैं. उन्होंने कहा कि यहां अबुआ राज नहीं बल्कि बाबुओं का राज है. महागठबंधन सरकार में भू-माफियाओं, बालू माफियाओं और लकड़ी माफियाओं का राज है चल रहा है. बिचौलिएं और सरकार के लोग मालामाल हो रहे हैं. जनता का हाल बुरा है।
कहां है नौकरियां और कहां गया बेरोजगारी भत्ता
आजसू प्रमुख ने कहा कि चुनाव से पहले झामुमो ने निश्चय पत्र जारी किया था. सत्ता चलाने वालों को वह पत्र पढ़ना चाहिए. इससे वादे याद आएंगे. कहां हैं नौकरियां और कहां गया बेरोजगारी भत्ता. पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के वादा पर क्या कदम उठाए गए. किसानों की कर्जमाफी के नाम पर धोखा दिया जा रहा है.
हर तरफ से एक ही आवाज उठ रही है कि वर्तमान सरकार झारखंडियों की आकांक्षाओं के खिलाफ कार्य कर रही है और युवाओं को रोज़गार देने के जगह खुद के परिवार को रोज़गार देने में जुटी है. आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग का कार्यकाल पिछले अप्रैल माह में ही समाप्त हो चुका है. आयोग में 50 हज़ार झारखंड आंदोलकारियों का आवेदन मंजूरी के लिए लंबित है. इसके साथ ही आंदोलकारियों का पेंशन भुगतान भी कई महीनों से लंबित है.
संघर्ष के लिए तैयार रहें कार्यकर्ता
उन्होंने कहा कि आजसू कार्तकर्ता सरकार के हर काम पर नजर रखें. पार्टी को मजबूत बनाने में जुटें. आजसू पार्टी हर चौक, हर पंचायत, हर गांव-मोहल्ला में अपना कार्यकर्ता तैयार करेगी। हमें तार्किक होना होगा। जनता के साथ हो रहे धोखे को रोकना होगा. लोगों को उनका हक़ और अधिकार दिलाना ही हमारा एकमात्र मक़सद होना चाहिए। हमें संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा। आने वाला वक़्त चुनौतियों वाला है। लेकिन चुनौतियों का डटकर सामना करना ही आजसू पार्टी की पहचान है।