सिटी पोस्ट लाइव, धनबाद: धनबाद जिला में प्रवेश करने से पहले ही झारखंड कांग्रेस प्रदेश के सह प्रभारी उमंग सिंगार को रोके दिया गया। वे वापस मध्यप्रदेश जा सकते हैं। बताया जाता है कि कृषि मंत्री बादल को रांची से संदेश गया कि ऐसे घूमने से कानून का उल्लंघन होगा। इसके बाद वे गोविंदपुर से सीधे रांची के लिए निकल गए। वहीं, प्रभारी के साथ घूम रही विधायक दीपिका पांडे भी अपने क्षेत्र लौट गईं। हालांकि उन्होंने इसकी पुष्टि से इनकार किया है। उनका कहना है कि मैं गिरिडीह से ही लौट गई थी।
दरअसल, झारखंड कांग्रेस प्रदेश के सह प्रभारी उमंग सिंगार गिरिडीह में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि नरेंद्र कुमार के परिजनों को सांत्वना देने पहुंच थे। इसके बाद धनबाद के जिलाध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह के घर भी सांत्वना देने का कार्यक्रम था। यहां से राजेंद्र सिंह के घर बेरमो जाना था, इसी बीच गिरिडीह से लौटते समय गोविंदपुर में किसी को फोन आया और सीधे रांची निकले गए। धनबाद में सर्किट हाउस में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई थी।
माना जा रहा है कि इन नेताओं को भाजपा के तीव्र विरोध के कारण लौटने को कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए धनबाद जिला प्रशासन को रांची से सूचना आई थी, जिसमें कहा गया कि कोरोना काल में किसी को ऐसी घूमने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इससे जनता में लगत संदेश जाएगा। इसके बाद एडीएम लॉ एंड ऑर्डर धनबाद ने जिला में प्रवेश से पहले ही उन्हें रोक दिया। उमंग सिंगार ने बताया कि कहीं भी नियम का उल्लंघन नहीं किया। मुझे 14 दिनों के लिए नियमों से छूट मिली थी। इसका पत्र मेरे पास है। Fसके बाद ही मैं झारखंड आया हूं। आज मुझे कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह के आवास पर जाना था। वहां से होकर मैं वापस लौट रहा हूं।