मासस के अरूप चटर्जी के वक्तव्य पर झारखंड विधानसभा में हंगामा
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवे और अंतिम दिन शुक्रवार को सदन का माहौल उस समय काफी गरमा गया, जब मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के अरूप चटर्जी ने टाटा कंपनी के कानूनी सलाहकार के एक ईमेल के हवाले से मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस पर कड़ी आपत्ति की। उन्होंने चटर्जी से अपना वक्तव्य वापस लेने को कहा। उन्होंने कहा कि सदन नेता पर आरोप लगाना अनुचित है। सदस्य को जो मन में आये बोल दिया, ऐसे सदन नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री पर लगाये गये आरोप पर भाजपा के सदस्य भी उत्तेजित हो गये और वे अपने स्थान पर खड़े होकर चटर्जी से माफी मांगने की मांग करने लगे। उधर झामुमो के सदस्य घोटाले की सरकार नहीं चलेगी के नारे लगाने लगे। इससे सदन में भारी शोरगुल और हंगामा होने लगा। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने कहा कि उन्हें अरूप चटर्जी सहित तीन सदस्यों की ओर से कार्यस्थगन की सूचना मिली थी। नियमानुकूल और अति महत्व के नहीं होने के कारण उन्होंने तीनों सूचनाओं को अमान्य कर दिया। अब उस पर किसी तरह की चर्चा नहीं होगी। पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच आपस में नोक-झोंक और आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे। सदन को अव्यवस्थित देख स्पीकर ने कार्यवाही 12 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी। इससे प्रश्नोत्तर काल नहीं चल सका।अरूप चटर्जी ने अपने कार्यस्थगन के विषय को उठाते हुए टाटा कंपनी के कानूनी सलाहकार के ईमेल के हवाले से मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया। उन्होंने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेवीएनएल) के एमडी राहुल पुरवार को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। इस दौरान सदन में मुख्यमंत्री मौजूद नहीं थे।