दीक्षांत समारोह में गाउन व हैट की जगह साड़ी, धोती-कुर्ता पहनने के आदेश का जेडीयू ने किया विरोध

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के विश्वविद्यालयों में होने वाले दीक्षांत समारोह में छात्र –छात्राओं को भारतीय परिधान पहनने के बिहार के राज्यपाल के फैसले को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच थान गई है. बीजेपी इसे एक अच्छी शुरुवात बता रही है वहीं जेडीयू ने इस फैसले का विरोध किया है. बीजेपी के नेता नितिन नवीन ने कहा कि छात्र डीग्री लेने विदेशी परिधान पहनकर जाएँ, ये उचित नहीं है. अपने पारंपरिक परिधान धोती कुर्ता और साड़ी पहनकर दीक्षांत समारोह में जाने का राज्यपाल का फैसला स्वागत योग्य है. वहीँ जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि दीक्षांत समारोह के लिए जो ड्रेस कोड पहले से निर्धारित है, वह बिलकुल ठीक है. उसे बदले जाने का कोई मतलब नहीं है.

गौरतलब है कि बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को सभी विश्विद्यालयों को दीक्षांत समारोह में छात्र- छात्राओं को पारंपरिक छात्राओं के लिए सलवार कमीज और साड़ी और छात्रों के लिए  धोती-कुर्ता और पायजामा-कुर्ता पहनने का आदेश दे दिया है. बिहार के राजभवन ने आदेश जारी किया है कि दीक्षांत समारोह में अब गाउन और हैट नहीं चलेगा. दीक्षांत समारोह में अब चलेगा तो सिर्फ भारतीय धोती-कुर्ता और साड़ी. इसके साथ ही राजभवन ने यह निर्देश जारी किया है कि सभी लोगों को अंगवस्त्रम लेना होगा और मालवीय पगड़ी पहननी होगी.

बिहार के राजभवन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए विश्वविद्यालयों में होने वाले दीक्षांत समारोह में ड्रेस कोड बदल दिया है. इस फैसले के बाद बीजेपी नेता काफी खुश हैं और वह कह रहे हैं कि भारतीय संस्कृति के मुताबिक यह बेहतर है. बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि राज्यपाल लालजी टंडन ने जो फैसला किया है वह हमारी भारतीय संस्कृति के मुताबिक है.बिहार के नए राज्यपाल लालजी टंडन ने जब से राज्यपाल पद का पदभार ग्रहण किया तब से विश्वविद्यालयों को लेकर यह उनका पहला और बड़ा फैसला है. राजभवन से जारी निर्देश में सभी विश्वविद्यालयों को लिखा गया है कि दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले छात्र सब सफेद रंग का कुर्ता-पायजामा या फिर धोती-कुर्ता पहनेंगे. उन्हें पीले रंग का एक अन्य वस्त्रम भी लेना होगा. साथ ही मालवीय पगड़ी पहनना अनिवार्य होगा.

वहीं छात्राओं के लिए यह निर्देश दिया गया है कि वह लेमन या यलो कलर की साड़ी या फिर वाइट कलर का सलवार और लेमन या येलो कलर का कमीज पहनेंगी. उन्हें भी अंगवस्त्रम और मालवीय पगड़ी पहनना अनिवार्य होगा. इस निर्देश के बाद जेडीयू के नेता राजीव रंजन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल के फैसले को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि राजभवन शिक्षा व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान दें. एकेडमिक कैलेंडर को सुधारे, न कि इस तरह के फरमान जारी करें.

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