जेडीयू सूत्रों के हवाले से खबर-‘कफर्म नहीं है रामकृपाल की पाटलीपुत्रा सीट, जेडीयू की है नजर
सिटी पोस्ट लाइवः एनडीए में पाटलीपुत्रा सीट को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है। यह खबर काफी पहले से थी कि जेडीयू पटना को दो सीटों पटना साहिब और पाटलीपुत्रा में से एक सीट अपने लिए चाहती है और यह चाहत जेडीयू की जिद बनी है यानि हर हाल में जेडीयू को या तो पाटलीपुत्रा सीट चाहिए या फिर पटना साहिब सीट चाहिए। यह खबर अब कयासों से आगे निकल गयी है और इसे अब खुद जेडीयू सूत्रों ने कफर्म किया है कि यह सही है कि जेडीयू को हर हाल में पटना की दो सीटों में से एक सीट चाहिए। नजर पाटलीपुत्रा सीट पर ज्यादा है। हांलाकि यह कर्फम नहीं है कि जेडीयू को अगर पटना की दो सीटों में से एक सीट चाहिए तो जेडीयू की ओर से उम्मीदवार कौन होगा? खबर है कि हाल हीं में जेडीयू में शामिल हुए उद्यागपति नरेन्द्र सिंह को जेडीयू पाटलीपुत्रा सीट से उम्मीदवार बनाना चाहती है।
2009 में यह सीट जेडीयू के कब्जे में आयी थी तब जेडीयू के रंजन यादव ने राजद सुप्रीमो लालू यादव को हराया था। कहा जा रहा है कि पाटीलपुत्रा सीट पर जेडीयू की दावेदारी का आधार भी यही है कि 2009 में पाटलीपुत्रा सीट पर जेडीयू का कब्जा था। सवाल है कि अगर पाटलीपुत्रा सीट से जेडीयू अपना उम्मीदवार उतारेगी तो फिर रामकृपाल यादव का क्या होगा? रामकृपाल यादव पाटलीपुत्रा सीट के लिए सबसे मजबूत दावेदार माने जाते रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लालू यादव की बेटी मीसा भारती को चुनाव में हराया और यह सीट बीजेपी की झोली में डाल दी।
क्या रामकृपाल यादव को बीजेपी पटना साहिब िशफ्ट करने की तैयारी में है या फिर बीजेपी जेडीयू को पटना साहिब शिफ्ट कर देगी? कुल मिलाकर रामकृपाल यादव की पाटलीपुत्रा सीट कंफर्म नहीं है यह खबर अब कफर्म हो गयी है। हर हाल में जेडीयू को पटना की दो सीटों मेें से एक सीट चाहिए। अगर रामकृपाल यादव पाटलीपुत्रा की बजाय पटना साहिब से चुनाव लड़ते हैं तो यह लड़ाई उनके लिए आसान नहीं होगी क्योंकि पाटलपुत्रा लोकसभा सीट पर उनकी पकड़ ज्यादा अच्छी है और जाहिर है तैयारियां भी इसी सीट को लेकर होगी। ऐसे में कहा जा सकता है कि जेडीयू ने रामकृपाल यादव की मुश्किलें थोड़ी जरूर बढ़ा दी हैं।