हेमंत सरकार के एक साल के कार्यकाल में किसान बदहाल: रणधीर सिंह
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: पूर्व मंत्री और विधायक रणधीर सिंह ने हेमन्त सरकार पर कृषि विभाग में बड़ी अनियमितता व बजट के पैसे खर्च करने में फिसड्डी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हेमंत सरकार के एक साल के कार्यकाल में किसान बदहाल हो गये हैं। राज्य के किसानों की स्थिति बदतर हो चली है और सरकार पैसे रहते हुए भी खर्च करने में अक्षम साबित हुई है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं पर बोलते हुए कहा कि सरकार कृषि के क्षेत्र में अब तक 20 फ़ीसदी भी खर्च नहीं कर पाई है। भारत सरकार द्वारा दिए गए पैसों को भी खर्च करने में असफल साबित हुई है। हेमंत सरकार यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भी भारत सरकार को नहीं दे पाई है। इतना ही नहीं हेमंत सरकार ने किसानों के आय को बढ़ाने के उद्देश्य से रघुवर सरकार में शुरू की गई योजनाओं में कई योजनाओं को बंद कर दिया है व कई के बजट का आकार भी छोटा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत एज एकड़ में पांच हजार व पांच एकड़ में 25 हजार रुपया तक 16.51 लाख किसानों को दिया जा रहा था, जिसे हेमंत सरकार ने बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि 260 ब्लॉक में मात्र 398 धान क्रय केंद्र खुला है जो काफी कम है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य जेएमएम और कांग्रेस में 25 से 27 सौ तक देने का वादा किया था जबकि मात्र 2266 रुपया तय हुआ है।जबकि सरकार के नीति के कारण किसान बिचौलियों को ग्यारह सौ से बारह सौ रुपये में धान बेचने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत भारत सरकार ने 17 करोड़ दिया जिसमे अबतक एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ। किसानों को बीज खरीद के लिए रघुवर सरकार में 50 करोड़ का बजट था जिसे मात्र 15 करोड़ कर दिया गया। जबकि वर्कऑर्डर 16.73 करोड़ का है। बजट से अधिक वर्कऑर्डर यानी वित्तीय अनियमितता का मामला है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 29 करोड़ का बजट दिया है जबकि कार्य मात्र 2.19 करोड़ हुआ, प्रति भूमि अच्छादित योजना बंद कर दिया गया। केसीसी लोन में किसानों को केसीसी के सात फीसदी इंटरेस्ट में छह फ़ीसदी केंद्र और राज्य सरकार देती थी जिसे बंद कर दिया गया।