सिटी पोस्ट लाइव : सलमान खुर्शीद की किताब के कारण लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है. साधु-संतों की तुलना इस्लामी कट्टरपंथियों से करने का मामला अभी शांत ही नहीं हुआ था कि देश के बंटवारे वाली कहानी ने बिहार की राजनीति में गर्माहट ला दी है. सत्ताधारी पार्टियां आपस में ही पलटवार करने में लग गई है. जहां पहले जदयू विधान पार्षद खालिद अनवर ने कहा है कि मोहम्मद अली जिन्ना संयुक्त भारत के बड़े स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने देश का बंटवारा कराया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है पर इस बंटवारे में कांग्रेस पार्टी और पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका भी कम नहीं थी.
नेहरू ने भी बंटवारा रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. वे चाहते तो देश को विभाजित होने से रोक सकते थे पर उन्होंने अपनी कुर्सी की खातिर ऐसा नहीं किया. वहीं जेडीयू एमएलसी के बयान का विरोध करते हुए पंचायती राज मंत्री तथा भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि जो लोग भारत में रहकर जिन्ना की पूजा कर रहे हैं, उन्हें पाकिस्तान में रहना चाहिए, हिन्दुस्तान में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं है.
इसके बाद जदयू के समर्थन में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान मैदान में कूद पड़े. उन्होंने कहा कि जो लोग जिन्ना के गुणगान पर पाकिस्तान जाने की बात कर रहे, शायद उन्हें पता नहीं कि पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी जी से पूछ लें. उन्होंने भी मोहम्मद अली जिन्नाह को स्वतंत्रता सेनानी बताया था और जाकर उनके मजार पर चादरपोशी की थी. जाहिर है जिन्ना का भूत सलमान खुर्शीद से ही बाहर आया है.
ये हाल तो थोड़ी से गर्माहट बिहार में है, इससे भी ज्यादा गर्माहट उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है. जहां देश के बंटवारे को लेकर राजनीति तेजा है. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के प्रचार में ओवैसी ने भी जिन्ना को बाहर निकाला और कहा कि बंटवारे के लिए जवाहरलाल नेहरु और मोहम्मद अली जिन्नाह दोनों दोषी हैं.