सिटी पोस्ट लाइव, रांची: देश की आजादी के लिए अपने संघर्षों, इतिहास और राष्ट्र निर्माण में योगदान को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा धरोहर नाम से वीडियो श्रृंखला के तहत आज चौथी वीडियो देश की युवा पीढ़ियों के नाम जारी की है, ज्ञातव्य है कि 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन से कांग्रेस पार्टी 1885 से लेकर अब तक अपने किए गए कार्यों को धरोहर वीडियो श्रृंखला के माध्यम से जारी कर रही है, इसी कड़ी में आज चौथी वीडियो देश के नाम समर्पित किया है। प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा रामेश्वर उराँव ने कहा कि कांग्रेस हमेशां किसानों की आवाज बनती आयी है,स्वतंत्रता आंदोलन से शुरु हुआ ये सफर अब तक जारी है। उन्होंने कहा आजादी के उस दौर में कांग्रेस भारत की 85प्रतिशत आबादी के साथ थी,जैसे आज खेती के उपकरणों पर जीएसटी लगाकर किसानों की कमर तोड़ी जा रही है उस समय भी अंग्रेज सरकार भारत पर नियंत्रण मजबूत करने के लिए किसानों पर मनमाने टैक्स और लगान थोप रही थी।
कांग्रेस तब भी अंग्रेजों की राह में सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ी हो गई और इस दौर में भी किसानों की जमीन छीनने वाले दमनकारी भूमि अधिग्रहण कानून के रास्ते में कांग्रेस पार्टी चट्टान की तरह खड़ी हो गई और उसे वापस करवाकर ही दम लिया। यह साल था 1897 का राजस्थान से लेकर महाराष्ट्र तक किसान ब्रिटिश सरकार की दमनकारी टेक्स्ट नीतियों के खिलाफ आंदोलनरत थे और 1897 का कांग्रेस अधिवेशन शंकरनारायणन की अध्यक्षता में महाराष्ट्र के अमरावती में संपन्न हुआ और कांग्रेस के आह्वान पर किसानों ने पहली बार लगान का सामूहिक बहिष्कार कर दिया। भूमिकर को कम करने और जोतदारों के समय को संशोधित करने के प्रस्ताव के जरिए कांग्रेस ने बाल गंगाधर तिलक जैसे नेताओं के जरिए देशभर के किसानों को एकजुट किया। इसी दौरान दक्षिण महाराष्ट्र में एक गैर राजस्व आंदोलन का आयोजन किया गया जिसमें तिलक की पुणे सार्वजनिक सभा के सदस्यों और पुणे के छात्रों ने जमींदारों से अंग्रेजी हुकूमत को राजस्व का भुगतान न करने का आह्वान किया। कांग्रेस किसानों की आवाज बनती जा रही थी, 1897 कि इस देशव्यापी किसान आंदोलन ने ब्रिटिश हुकूमत की चिंताएं बढ़ा दी थी।